द लोकतंत्र: पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन (Landslide) की खबरें सामने आ रही हैं, तो वहीं नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। राजधानी दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर कई दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया।
मौसम विभाग (IMD) ने अब नई चेतावनी जारी की है। 8 सितंबर को राजस्थान और गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। खासतौर पर दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान से सटे राजस्थान और कच्छ क्षेत्र में बने गहरे दबाव के कारण मौसम बिगड़ सकता है। इन इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में भी भीषण बारिश की आशंका है।
उत्तर भारत में कहर
लगातार बारिश के चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली में फिलहाल मौसम सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक देश के अन्य हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहेगा।
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में भी असर
मौसम विभाग के मुताबिक, 8 से 10 सितंबर के बीच उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश हो सकती है। 12 से 14 सितंबर के दौरान अरुणाचल प्रदेश और असम-मेघालय क्षेत्र में भीषण बारिश की संभावना जताई गई है। नागालैंड और मणिपुर में 11 और 12 सितंबर को मौसम बिगड़ सकता है।
ओडिशा में 11 और 12 सितंबर को कई जिलों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं बिहार में 8 से 13 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश का दौर जारी रहेगा।
मध्य और पश्चिम भारत में असर
IMD का कहना है कि सक्रिय मानसूनी सिस्टम का असर 14 सितंबर तक मध्य प्रदेश तक पहुंच जाएगा। पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में 10 से 13 सितंबर के बीच भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़ में भी 8 से 14 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना है।
इस साल सितंबर के दूसरे सप्ताह में देश के कई हिस्सों में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों में एहतियात बरतने की सलाह दी है।