द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : पीएम मोदी ने सोमवार को सभी 20 जीवित बंधकों के इजरायल लौटने के बाद रिहाई का स्वागत किया और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति लाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘ईमानदार प्रयासों’ का समर्थन करता है। हमास ने राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण के तहत दो साल की कैद के बाद बंधकों को रिहा किया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, हम दो साल से अधिक समय तक कैद रहने के बाद सभी बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं। उनकी आज़ादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अटूट शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा, भारत क्षेत्र में शांति लाने के राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करता है।
हमास ने सोमवार को शेष 13 बंधकों को ‘रेड क्रॉस’ को सौंपा
इजरायल की सेना ने बताया कि हमास ने सोमवार को शेष बचे 13 जीवित बंधकों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठन ‘रेड क्रॉस’ के अधिकारियों को सौंप दिया। इसके बाद इजरायल की सेना ने बंधकों को उनके परिजनों से मिलवाने के लिए इजरायल ले जाया। इससे पहले हमास ने सोमवार को सात बंधकों को रिहा किया था। यह बंधकों की पहली रिहाई है, जो गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच दो साल के युद्ध के बाद सफल युद्धविराम के तहत हुई।
हमास ने कहा है कि इजराइल द्वारा बंदी बनाए गए 1,900 से अधिक फलस्तीनी कैदियों के बदले 20 जीवित बंधकों को रिहा किया जाएगा। बंधकों की रिहाई और अदला-बदली को लेकर तत्काल कोई और विवरण सामने नहीं आया है।
हमास और गाजा के भविष्य को लेकर अब भी सवाल बरकरार
अमेरिका की मध्यस्थता में हुए इस समझौते को समर्थन देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को इजरायल पहुंचे। ट्रंप ने कहा कि यह समझौता युद्ध को प्रभावी रूप से समाप्त करता है और पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के द्वार खोलता है। जैसे ही ट्रंप ‘एयरफोर्स वन’ से उतरे, वाहनों का एक काफिला बंधकों को लेकर इजरायल पहुंचा।
हालांकि बंधकों और कैदियों की अदला-बदली के बावजूद हमास और गाजा के भविष्य को लेकर बड़े सवाल बने हुए हैं, यह कदम इजरायल और इस चरमपंथी समूह के बीच अब तक के सबसे भीषण युद्ध को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह बंधकों की रिहाई और अमेरिका की मध्यस्थता क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक बड़ा राजनीतिक एवं मानवीय मोड़ है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

