द लोकतंत्र : अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियां लगातार बढ़ रही हैं। मिशन गगनयान जल्द लॉंच होगा। पूर्व में चंद्रयान 3 की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की धाक जमा दी। वहीं, भारत के प्रथम सौर मिशन आदित्य-एल1 ने भी सफलता के नये आयाम स्थापित किए। चांद और सूरज के बाद भारत एक बार फिर अंतरिक्ष मिशन में धाक जमाने के लिए पहला मानव अंतरिक्ष मिशन जल्द लॉन्च करने वाला है। इसरो के गगनयान मिशन के लिए चार एस्ट्रोनॉट के नाम भी सामने आ गए हैं जो अंतरिक्ष में भारत के मानव मिशन को सफल बनायेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और मिशन हेतु नामित अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने उन चार नामों का ऐलान किया जो भारत के पहले मानव मिशन का हिस्सा होंगे। फायटर पायलट प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को मिशन गगनयान के लिए चुना गया है। सभी की ट्रेनिंग रूस के जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में हुई है। फिलहाल मिशन गगनयान के यह सदस्य बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में रहकर ट्रेनिंग ले रहे हैं।
2025 तक लॉन्च होगा गगनयान मिशन
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) का दौरा किया। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे चार टेस्ट पायलटों के नामों की घोषणा की। गगनयान मिशन को साल 2025 तक लॉन्च किया जाएगा। हालांकि इसके शुरुआती चरणों में इसी साल यानी 2024 के अंत तक इसमें दो मानवरहित मिशन को अंतरिक्ष में भेजे जाएँगे। जब ये दोनों मिशन सफल होंगे उसके बाद ही एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
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गगनयान मिशन ISRO द्वारा विकसित भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन के तहत 4 चालक दल के सदस्यों को 400 किलोमीटर की कक्षा में तीन दिनों के मिशन के लिए लॉन्च करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इसरो ने इस मिशन की टेस्टिंग पिछले साल की थी।