द लोकतंत्र : भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित 31 MQ-9B ड्रोन डील फ़ाइनली लॉक हो गई है। इस डील से भारत की सुरक्षा में न सिर्फ़ इजाफ़ा होगा बल्कि भारत की सैन्य शक्ति भी बढ़ेगी। यूएस (US) की रक्षा एजेंसी ने भारत को 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को गुरुवार (1 फरवरी) को अपनी मंजूरी दे दी।
31 MQ-9B ड्रोन को ‘हंटर-किलर UAV’ भी कहा जाता है
यह ड्रोन भारत की निगरानी तंत्र को मजबूत करने के साथ दुश्मन के ठिकानों को ठिकाने लगाने का काम भी करेगा। इस अमेरिकन ड्रोन को ‘हंटर-किलर UAV’ भी कहा जाता है। MQ-9B ड्रोन स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग, डिटेक्ट एंड एवॉइड सिस्टम, एंटी-स्पूफिंग जीपीएस तथा एन्क्रिप्टेड संचार लिंक जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है। MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को अपने विरोधियों पर एक रणनीतिक बढ़त मिलेगी। भारत अब अपने विमानों या पायलटों को जोखिम में डाले बिना लंबी दूरी की निगरानी के साथ सटीक हमले करने में सक्षम होगा।
यह भी पढ़ें : पेटीएम पर बैन बना पॉलिटिकल मुद्दा, केंद्र सरकार पर जमकर बरसे राहुल गांधी
आप इसको ऐसे समझिए, कुछ महीने पहले ‘द फ़्रीलांसर’ नाम की एक वेब सीरीज आयी थी। सीरीज में रेस्क्यू के बाद सीरिया में सीआईए द्वारा एक घर को उड़ा दिया जाता है। यह ड्रोन बिलकुल ऐसे ही काम करेगा। अपने देश में बैठकर इसे ऑपरेट किया जा सकेगा जिससे बिना किसी अतिरिक्त जोखिम के दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया जा सकता है।
दरअसल, पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इस ड्रोन सौदे की घोषणा की गई थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ड्रोन सौदा द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘यह एक प्रस्तावित सौदा है जिसकी घोषणा पिछले साल पीएम मोदी की यात्रा के दौरान की गई थी। हमारा मानना है कि यह भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और क्षेत्र में सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है।