द लोकतंत्र : भारत के घरेलू एविएशन मार्केट में 60% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली प्रमुख एयरलाइन इंडिगो लगातार बुरे दौर से गुजर रही है। शुक्रवार को चौथे दिन भी स्टाफ की कमी के चलते दिल्ली (जहां 200 उड़ानें रद्द हुईं), मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित पूरे देश में लगभग 400 उड़ानें रद्द कर दी गईं। इस अचानक उत्पन्न हुए परिचालन संकट ने यात्रियों को भारी परेशानी में डाल दिया है और देश के हवाई यातायात पर गंभीर असर डाला है।
एयरलाइन का दावा: नए FDTL नियम बने मुसीबत
इंडिगो ने इस बड़े व्यवधान के लिए तकनीकी खराबी, मौसम और सबसे प्रमुख रूप से एविएशन नियामक DGCA के नए क्रू रोस्टरिंग नियमों को जिम्मेदार ठहराया है।
- पायलट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL): एयरलाइन का कहना है कि 1 नवंबर से लागू हुए अपडेटेड फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों के तहत उड़ान के घंटों को सीमित किया गया है और अधिक आराम अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण एविएटर्स की कमी हुई है। इंडिगो ने नियामक से कुछ प्रावधानों से राहत भी मांगी है।
- बहाली का दावा: इंडिगो ने दावा किया है कि उसका परिचालन 10 फरवरी तक पूरी तरह से बहाल हो जाएगा और स्थिति को स्थिर करने के लिए उसने अपने शेड्यूल में “संतुलित समायोजन” किए हैं।
क्या हैं ये नए FDTL नियम?
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद DGCA ने पायलटों की थकान (Fatigue) को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा बुनिश्चित करने के लिए ये नए नियम लागू किए हैं:
- साप्ताहिक आराम: पायलटों को हर हफ्ते लगातार 48 घंटे का आराम दिया जाना चाहिए।
- रात में सीमित लैंडिंग: रात के ऑपरेशन (आधी रात से सुबह 6 बजे के बीच) के दौरान एक पायलट अधिकतम केवल 2 लैंडिंग ही कर सकता है।
- लगातार रात की ड्यूटी: फ्लाइट क्रू मेंबर्स को लगातार दो रातों से ज्यादा के लिए रोस्टर नहीं किया जाना चाहिए।
विवाद और रोस्टर क्राइसिस का असली कारण
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने इंडिगो के इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उड़ानों के रद्द होने का कारण केवल नए नियम नहीं हो सकते, क्योंकि अन्य एयरलाइंस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यह इशारा करता है कि यह संकट असल में इंडिगो की अपनी पायलट और क्रू योजना (रोस्टरिंग) में मौजूद कमियों का परिणाम है, जिसमें कंपनी नए नियमों के तहत पर्याप्त पायलटों की व्यवस्था नहीं कर पाई।
इंडिगो के सामने यह एक गंभीर रोस्टर क्राइसिस है, जिसे ठीक करने के लिए उसे तत्काल नए पायलटों की भर्ती और मौजूदा स्टाफ की ड्यूटी को नए सिरे से समायोजित करने की आवश्यकता है।

