द लोकतंत्र: भारतीय नौसेना (Indian Navy) अपनी सामरिक क्षमता को और मजबूत करने जा रही है। खबर है कि इस साल के अंत तक नौसेना अपनी तीसरी न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN) INS अरिदमन (INS Aridhaman) को कमीशन कर सकती है। यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा और न्यूक्लियर ट्रायड (Nuclear Triad) को मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है।
INS अरिदमन क्या है?
INS अरिदमन (S4) एक उन्नत अरिहंत-क्लास SSBN पनडुब्बी है, जो पहले की पनडुब्बियों INS अरिहंत और INS अरिघाट से अधिक बड़ी और आधुनिक है। इसकी लंबाई लगभग 125 मीटर और वजन करीब 7,000 टन है। इसे विशाखापत्तनम में बने एडवांस्ड टेक्नोलॉजी व्हीकल (ATV) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है।
क्यों खास है INS अरिदमन?
ज्यादा ताकत: इसमें 8 वर्टिकल लॉन्च ट्यूब हैं, जिनसे 24 K-15 (750 किमी रेंज) या 8 K-4 (3,500 किमी रेंज) मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
बेहतर स्टील्थ तकनीक: इसमें सोनार-एब्जॉर्बिंग कोटिंग और शोर कम करने वाली एडवांस्ड तकनीक का उपयोग हुआ है, जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना मुश्किल होगा।
लंबी दूरी की क्षमता: K-4 मिसाइलें इसे हजारों किलोमीटर दूर तक वार करने में सक्षम बनाती हैं।
स्वदेशी तकनीक: इसमें 70% से ज्यादा स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में बड़ा कदम है।
भारत को क्या फायदा होगा?
INS अरिदमन भारतीय नौसेना की Nuclear Triad (जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता) को मजबूती देगा। यह भारत की No First Use Policy को समर्थन देता है और दुश्मन के पहले हमले के बाद जवाबी क्षमता सुनिश्चित करता है।
चीन और पाकिस्तान पर कड़ी निगरानी
चीन की नौसैनिक ताकत और पाकिस्तान की पनडुब्बी योजनाओं को देखते हुए, INS अरिदमन भारत के लिए रणनीतिक बढ़त साबित होगी।
हिंद महासागर में मजबूत उपस्थिति
यह पनडुब्बी भारत को अरब सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में और प्रभावशाली बनाएगी, जिससे समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय संतुलन मजबूत होगा।
भविष्य की तैयारी
INS अरिदमन का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था और इसके समुद्री परीक्षण अब लगभग पूरे हो चुके हैं। उम्मीद है कि इसे 2025 के अंत तक भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
इसके अलावा भारत भविष्य में और भी बड़ी S5-क्लास SSBN पनडुब्बियों पर काम कर रहा है, जिनमें 5000-8000 किमी रेंज की लंबी दूरी की मिसाइलें होंगी।