द लोकतंत्र : अभी दो सप्ताह पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। हालाँकि प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत की स्थिति क्या है उसकी बानगी रायबरेली में देखने को मिली। दरअसल, मॉलिटिक्स नाम के एक स्वतंत्र पत्रकारिता संस्थान के पत्रकार राघव त्रिवेदी को गृहमंत्री अमित शाह की रैली में लिंचिंग का शिकार होना पड़ा। राघवेंद्र रायबरेली में गृहमंत्री शाह की रैली कवर कर रहे थे जहां रैली में आयीं कुछ महिलाओं ने पुष्टि करते हुए कहा कि रैली में शामिल होने के लिए उन्हें सौ – सौ रुपये देने का वायदा किया गया है।
अभी बीते 03 मई को रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करते हुए मोदीराज में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर गहरे सवाल उठाये। साथ ही, भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा और मीडिया उद्योग के कुछ लोगों के हाथों में सिमटते जाने को लेकर चिंता भी जताई। ऐसे में, देश के गृहमंत्री की चुनावी जनसभा के दौरान किसी पत्रकार का यूँ लिंचिंग का शिकार हो जाना सरकार का पत्रकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर उदासीनता को बयान करती है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में इसबार भारत को 159वां स्थान दिया गया है।
प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने निंदा की
रायबरेली में गृहमंत्री शाह की रैली के दौरान पत्रकार की लिंचिंग के मामले में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने निंदा की है। प्रेस क्लब ने कहा- प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मॉलिटिक्स के पत्रकार राघव त्रिवेदी पर हुए हमले की निंदा करता है। हम चुनाव आयोग और स्थानीय अधिकारियों से हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।
एक अन्य एक्स पोस्ट में प्रेस क्लब ने लिखा, रोजमर्रा की रिपोर्टिंग में पत्रकारों को नियमित रूप से शारीरिक धमकी, उत्पीड़न और हमले का शिकार होना पड़ता है। ऐसी चीजें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होने के नाते भारत को कमजोर करती हैं।
पत्रकार की पिटाई पर विपक्ष बोला – हिंसा हार की निशानी होती है
वहीं, विपक्ष ने भी पत्रकार पर हुए हमले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा, हिंसा हार की निशानी होती है। भाजपा की रायबरेली की एक रैली में पैसे देकर लाए गये लोगों के बारे में जब दिल्ली के एक पत्रकार ने सच सबके सामने लाना चाहा तो भाजपाइयों ने उसके ऊपर हमला कर दिया। यही है उप्र में क़ानून-व्यवस्था का सच। जब देश के गृहमंत्री की रैली में ये हाल है, जिनके अधीन पुलिस होती है तो फिर बाक़ी देश का कितना बुरा हाल होगा, कहने की ज़रूरत नहीं। भाजपा हिंसक माहौल बनाकर चुनाव जीतना चाहती है।
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इस मामले पर प्रियंका गांधी ने भी एक्स पोस्ट लिखकर बीजेपी को घेरा है। प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, रायबरेली में गृहमंत्री जी की सभा में भाजपा के लोगों द्वारा मॉलिटिक्स के पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा गया। गृहमंत्री जी भाषण देते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। पत्रकार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की थी जो कह रही थीं कि सभा में आने के लिए उन्हें पैसे दिए गए।
पूरे देश के मीडिया का मुंह बंद कर देने वाली भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके खिलाफ कहीं कोई आवाज उठे। संविधान खत्म करने का अभियान चला रही भाजपा इस देश से लोकतंत्र को खत्म कर जनता की आवाज छीन लेना चाहती है।