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नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी करेंगे हाथरस का दौरा, भगदड़ में जान गँवाने वालों के परिजनों से करेंगे मुलाक़ात

Leader of Opposition Rahul Gandhi will visit Hathras, will meet the families of those who lost their lives in the stampede

द लोकतंत्र : हाथरस कांड में मारे गये लोगों के परिजनों से मुलाक़ात करने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जल्द ही हाथरस का दौरा करेंगे। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि राहुल गांधी हाथरस का दौरा करेंगे और घटना में मारे गये लोगों के परिवारों से मुलाक़ात करेंगे। बता दें, बाबा नारायण ​​साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 123 लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जाँच के लिए न्याय आयोग का गठन किया है।

हालाँकि, हाथरस भगदड़ कांड को तीन दिन बीतने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली हैं। सूबे के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को हाथरस के अस्‍पताल में भर्ती घायलों से मिलने भी गये थे। उन्‍होंने इस घटना की न्‍यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं। लेकिन, सवाल यह उठता है कि घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी आख़िर बाबा पुलिस की गिरफ़्त से बाहर क्यों है? दूसरा महत्वपूर्ण सवाल, एफआईआर में बाबा का नाम आख़िर क्यों नहीं डाला गया? बाबा सूरजपाल को बचाने की कवायद क्यों और किसके इशारे पर चल रही है? कभी यूपी पुलिस में मामूली कांस्टेबल रहा सूरजपाल जाटव कब और किन परिस्थितियों में इतना ताकतवर बन गया जिसके सामने योगी सरकार ने घुटने टेक दिये और इस मामले में बाबा को छोड़कर आयोजकों और सेवादारों को आरोपी बनाया गया?

123 लोगों की हो चुकी है मौत, प्रशासन की जवाबदेही क्यों तय नहीं

गत सोमवार को फुलराई गांव में भोलेबाबा का प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान समापन के बाद अचानक भगदड़ मच गई जिसमें अबतक 123 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इतने बड़े कार्यक्रम और 02 लाख से ज़्यादा की भीड़ को सँभालने के लिए प्रशासन मुस्तैद क्यों नहीं था? आख़िर आयोजन का परमिशन देने वाले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, और परमिशन देने के बाद भी पर्याप्त सुरक्षा ना देने वाले और लाठी-चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों और एसएसपी पर ज़िम्मेदारी और जवाबदेही क्यों नहीं तय की जा रही?

हिस्ट्रीशीटर बन गया बाबा, किसका मिल रहा संरक्षण

यूपी पुलिस में शुरुआती दिनों में सूरजपाल जाटव एलआईयू में तैनात था उसके बाद एक छेड़खानी के मामले में दोषी पाये जाने के बाद उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। छेड़खानी मामले में सूरजपाल जाटव एटा जेल में काफ़ी लंबे समय तक बंद भी रहा। हालाँकि बाद में अदालत के हस्तक्षेप के बाद उसकी नौकरी बहाल हो गई। बाद में 2002 में आगरा ज़िले से सूरजपाल ने वीआरएस ले लिया और उसके बाद बाबा बन गया। छेड़खानी के अलावा भी बाबा पर अंधविश्वास फैलाने सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि नारायण साकार अपने भक्तों से कोई भी दान, दक्षिणा और चढ़ावा आदि नहीं लेते हैं लेकिन इसके बावजूद उसके कई आश्रम स्थापित हो चुके हैं। वहीं, हाथरस में सत्संग के बाहर मची भगदड़ को नारायण सरकार हरि ने साजिश बताया है। बाबा की तरफ से इस केस को देखने के वकील एपी सिंह को नियुक्त किया गया है। वकील एपी सिंह निर्भया मामले में आरोपियों की ओर से भी वकील रहे हैं। वकील एपी सिंह ने कहा कि इस मामले की पूर्ण तरीके से जांच होनी चाहिए।

Team The Loktantra

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