द लोकतंत्र : दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में 53 पन्नों का जवाब दाखिल किया है। सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि, ईडी ने जिन 4 गवाहों के बयान के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया है, उनका संबंध सीधे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी इस बात का एक क्लासिक केस है कि कैसे केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को कुचलने के लिए ईडी और पीएमएलए का दुरुपयोग किया है।
भाजपा पर लगाये फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल अपने जवाब में कहा है कि सत्य विजय बीजेपी गोवा के सीनियर नेता व मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के करीबी हैं। जवाब में लिखा गया है कि सत्य विजय गोवा सीएम के कैंपेन मैनेजर भी रहे हैं। उन्होंने कहा उपरोक्त लोगों के बयानों के आधार पर ईडी ने मुझे गिरफ्तार किया है। सीएम केजरीवाल ने कहा- ईडी को हवाला एजेंट के पास से गुजराती में लिखी डायरी मिली है और भाजपा ने अपने हिसाब से सबूत बनाकर कोर्ट में पेश किए।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायरकर केजरीवाल ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी सबूत से छेड़छाड़ नहीं की है न ही कोई मोबाइल डेटा या सबूत नष्ट किया है। केजरीवाल ने कहा कि ईडी के दावों में कोई दम नहीं है, उनकी गैर कानूनी गिरफ्तारी को वैध बताने के लिए ईडी ऐसे आरोप लगा रही है।
केजरीवाल की तरफ से दाखिल जवाब में कहा गया है कि जो दस्तावेज उनके पक्ष में आते हैं, उनको जानबूझकर कोर्ट के सामने ईडी ने नहीं रखा। जिन बयानों और सबूतों के आधार पर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है वो 7 दिसंबर 2022 से लेकर 27 जुलाई 2023 तक के हैं। उसके बाद से कोई भी सबूत केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास नहीं हैं। ऐसे में इन पुराने सबूतों के आधार पर 21 मार्च को गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी, ये समझ से परे है। 21 मार्च को गिरफ्तारी से पहले इन पुराने सबूतों पर सफाई को लेकर केजरीवाल का कोई बयान भी दर्ज नही किया गया।
पर्याप्त सबूतों के आधार पर हुई दिल्ली सीएम की गिरफ़्तारी
वहीं, ईडी ने अपने हलफनामे में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अरविंद केजरीवाल द्वारा 9 बार समन तलब किए जाने के बावजूद भी वह पूछताछ से बच रहे थे। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे के जरिए ये भी स्पष्ट किया कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी तब हुई, जब उन्होंने ईडी के समन को बार-बार नज़रअंदाज किया और दिल्ली हाई कोर्ट से सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहे।
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ईडी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी उसके कद और पद की परवाह किए बिना पर्याप्त सबूतों पर आधारित है। ईडी ने कोर्ट में यह दावा किया है कि केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर सबूतों को नष्ट किया है। लेकिन अपने हलफनामे में अरविंद केजरीवाल ने मोबाइल फोन से संबंधित सबूतों को नष्ट करने या गायब करने के आरोप का खंडन किया है। केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर सबूतों को नष्ट करने के ईडी के दावे को निराधार बताते हुए आरोपों को खारिज किया है।