द लोकतंत्र: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सी. पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एनडीए के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में उन्हें सम्मानित किया गया।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राधाकृष्णन का परिचय सांसदों से कराते हुए उन्हें एक “जमीनी और सहज नेता” बताया। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन राजनीति को खेल नहीं मानते, बल्कि समाजसेवा और जनहित को प्राथमिकता देते हैं। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और उनका ताल्लुक तमिलनाडु से है।
पीएम मोदी का नेहरू पर हमला
संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश को दो बार बांटा: पहली बार बंटवारे के समय और दूसरी बार सिंधु जल संधि के जरिये। पीएम मोदी के अनुसार, इस संधि के तहत 80 प्रतिशत जल पाकिस्तान को दे दिया गया, जिससे भारतीय किसानों का नुकसान हुआ।
मोदी ने कहा कि नेहरू ने बाद में इस समझौते की गलती को अपने सचिव के माध्यम से स्वीकार भी किया था। प्रधानमंत्री ने इसे किसान विरोधी निर्णय करार दिया।
स्वतंत्रता दिवस पर भी उठाया था मुद्दा
पीएम मोदी ने इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर भी इसी मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि सिंधु जल संधि एकतरफा और अन्यायपूर्ण समझौता था, जिसने भारतीय किसानों को दशकों तक नुकसान पहुंचाया। मोदी ने साफ कहा कि अब भारत अपने हक के पानी पर पूरा अधिकार सुनिश्चित करेगा और किसानों के हित में निर्णय लिया जाएगा।
राधाकृष्णन करेंगे नामांकन
सूत्रों के मुताबिक, सी. पी. राधाकृष्णन बुधवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचक मंडल में पूर्ण बहुमत है, ऐसे में उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है।
हालांकि, विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA Bloc) भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, जिससे मुकाबला रोचक हो सकता है।
सी. पी. राधाकृष्णन का नामांकन एनडीए के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने जहां उन्हें एक सादगीपूर्ण और जमीनी नेता बताया, वहीं नेहरू पर हमलावर रुख अपनाकर कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। आने वाले दिनों में उपराष्ट्रपति चुनाव के चलते राजनीतिक हलचल तेज़ रहने वाली है।