द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारत में रोज़ाना औसतन 2.5 करोड़ से ज़्यादा यात्री भारतीय रेलवे के जरिए सफर करते हैं। यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर है। रेलवे देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क है और यात्रियों का एक बड़ा वर्ग इसमें आरक्षित (reserved) और अनारक्षित (unreserved) श्रेणी के कोचों में यात्रा करता है। हालांकि, अधिकतर यात्री सुविधा और आराम के लिए आरक्षित टिकट लेना पसंद करते हैं, जिसमें एसी और स्लीपर कोच शामिल होते हैं।
लेकिन रिज़र्वेशन टिकट लेने के बावजूद एक आम समस्या से हर यात्री को जूझना पड़ता है, वेटिंग टिकट। यात्रा की तारीख तक अक्सर यह स्पष्ट नहीं होता कि टिकट कंफर्म होगा या नहीं, जिससे असमंजस की स्थिति बनी रहती है। अब इस चिंता का समाधान रेलवे ने ढूंढ़ निकाला है। रेलवे ने वेटिंग टिकट से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए यात्रियों को 24 घंटे पहले ही टिकट का स्टेटस बताने की तैयारी कर ली है।
24 घंटे पहले मिलेगा टिकट कन्फर्मेशन का अपडेट
अब तक यात्री ट्रेन के प्रस्थान से लगभग 4 घंटे पहले फाइनल चार्ट के ज़रिए यह जान पाते थे कि उनकी वेटिंग टिकट कंफर्म हुई है या नहीं। लेकिन रेलवे अब इस समयसीमा को बढ़ाकर 24 घंटे करने जा रहा है। इसका ट्रायल रन राजस्थान के बीकानेर डिवीजन में किया गया है, जहां इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया और यह बेहद सफल साबित हुआ।
रेलवे के अनुसार, इस नए नियम के तहत फाइनल चार्ट ट्रेन के चलने से एक दिन पहले ही तैयार किया जाएगा, जिससे वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को पहले से जानकारी मिल सकेगी कि उन्हें सीट मिलेगी या नहीं।
यात्रियों को मिलेगा वैकल्पिक योजना बनाने का समय
यह बदलाव न सिर्फ यात्रियों की सुविधा के लिहाज़ से अहम है बल्कि इससे उन्हें अन्य विकल्प चुनने का भी अवसर मिलेगा। अभी तक टिकट कंफर्म नहीं होने की स्थिति में यात्री आखिरी समय तक असमंजस में रहते थे, जिससे वे बस, टैक्सी या फ्लाइट जैसी वैकल्पिक यात्रा योजनाएं नहीं बना पाते थे।
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नई व्यवस्था में जब 24 घंटे पहले ही टिकट स्टेटस की जानकारी मिल जाएगी, तो यात्रियों को निर्णय लेने और प्लान बी चुनने का पर्याप्त समय मिलेगा। इससे न सिर्फ उनकी यात्रा सुगम होगी, बल्कि अनावश्यक तनाव से भी राहत मिलेगी।
जल्द ही देशभर में होगा लागू
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सुझाव पर यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, जिसे अब देश के अन्य व्यस्ततम रूटों पर भी लागू किया जाएगा। रेलवे के अनुसार, दिल्ली, बिहार, मुंबई, बंगाल जैसे राज्यों और उनके प्रमुख स्टेशनों पर यह सिस्टम जल्द ही प्रभावी होगा।
यह नया कदम भारतीय रेलवे की डिजिटल और यात्री-केंद्रित पहल की दिशा में एक और अहम प्रगति है। इससे न केवल रिजर्वेशन सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों का रेलवे पर विश्वास भी और मज़बूत होगा।