द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के 14 करीबी परिजन मारे गए हैं, जिनमें उसकी बहन और सहयोगी मौलाना कशफ का पूरा परिवार शामिल है। भारतीय सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 4 और पीओके में 5 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इनमें से एक प्रमुख ठिकाना बहावलपुर स्थित सुभान अल्लाह परिसर था, जिसे पूरी तरह तबाह कर दिया गया।
मसूद अजहर का बयान, कहा – काश मैं भी मर गया होता
बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय हमले में अपने परिजनों की मौत से मसूद अजहर बुरी तरह टूट गया है। उसने एक बयान जारी करते हुए कहा, दिल करता है कि काश मैं भी इस हमले में मर जाता। जैश-ए-मोहम्मद ने पुष्टि की है कि मसूद अजहर की बड़ी बहन, मौलाना कशफ का पूरा परिवार, मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां और उसकी बेटी के चार बच्चे इस हमले में मारे गए हैं। दफन की प्रक्रिया आज 7 मई को पूरी की जाएगी।
भारतीय सेना ने जारी किए सबूत
सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस कार्रवाई के वीडियो सबूत उपलब्ध हैं। इनमें मुरीदके स्थित वह आतंकी शिविर भी शामिल है, जहां 2008 के मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब और डेविड हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी। उन्होंने कहा, इन हमलों ने भारत में आतंकवाद फैलाने वाले ठिकानों को जड़ से उखाड़ दिया है। यह कार्रवाई पूरी तरह सटीक, योजनाबद्ध और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश है।
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कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था. 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।