द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज संसद भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में भारतीय सेना की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता राहुल गांधी, और अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, और सरकार सभी विवरण एकत्र कर रही है।
भारतीय रक्षा उद्योग को बनाना है विश्वसनीय ब्रांड’
नई दिल्ली में नेशनल क्वालिटी कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, हमें भारतीय रक्षा उद्योग को एक मजबूत और विश्वसनीय ब्रांड बनाना है। आज मैं आपसे एक महत्वपूर्ण अपील करने आया हूं। ब्रांड इंडिया का निर्माण करना होगा। जब दुनिया के देशों के मन में संदेह हो तो वह ब्रांड इंडिया का चयन करे। यही हमारा अद्वितीय विक्रय बिंदु (यूएसपी) होना चाहिए। ब्रांड इंडिया का मतलब है कि अगर किसी भारतीय कंपनी ने कोई वादा किया है तो होगा ही होगा, होकर ही रहेगा। यह भरोसा होना चाहिए। उससे नीचे का तो कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता।
राहुल गांधी ने कहा, हमने सरकार को पूरा समर्थन दिया है
बैठक में कांग्रेस ने सरकार को आतंकवाद के खिलाफ पूर्ण समर्थन और सेना के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘संविधान बचाओ रैलियों’ समेत पार्टी के सभी तय कार्यक्रम रोक दिए हैं। राहुल गांधी ने कहा, हमने सरकार को पूरा समर्थन दिया है। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाने के लिए वे सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, हमें टीआरएफ के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को इसे आतंकवादी संगठन घोषित करना चाहिए।
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बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सभी नेताओं ने परिपक्वता दिखाई और किसी तरह की नोंकझोंक नहीं की। यह बैठक दोनों देशों के तनाव के मुद्दे पर व्यापक राजनीतिक आम सहमति बनाने के लिए बुलाई गई थी। दूसरी तरफ़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन देशों का दौरा रद्द कर दिया है, जो 13 से 17 मई तक नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड के लिए निर्धारित था, ताकि देश में सुरक्षा स्थिति की निगरानी की जा सके।