द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंक के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। यह एक अभूतपूर्व संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ने भाग लिया।
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इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर अड्डे समेत कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय सेना ने स्टैंडऑफ क्रूज़ मिसाइल, BVR मिसाइलें और लॉटरींग म्यूनिशन जैसे अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग करते हुए सटीक हमले किए। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, कार्रवाई में केवल आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों या पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नुकसान न पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अभियान का पूर्ण समर्थन किया। रक्षा मंत्री ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “यह कार्रवाई न्याय का प्रतीक है।” भारतीय सेना ने भी बयान जारी कर कहा, “Justice is served” (इंसाफ हो गया)।
चीन की प्रतिक्रिया: शांति की अपील
भारत की सैन्य कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने इसे “दुखद” करार दिया और क्षेत्र में तनाव बढ़ने को लेकर चिंता जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों उसके पड़ोसी हैं, और वह सभी पक्षों से संयम बरतने व शांति कायम रखने की अपील करता है। हालांकि, चीन ने यह भी दोहराया कि वह हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: एयरस्पेस बंद
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने 48 घंटे के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह कार्रवाई उसके लिए बड़ा झटका थी। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद का जवाब सीमाओं के भीतर नहीं, बल्कि आतंक के गढ़ में जाकर दिया जाएगा।