द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 25 मई को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इसे भारत की सैन्य शक्ति, आत्मनिर्भरता और देशभक्ति की भावना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, हर कोई इसे खत्म करना चाहता है। हमारी सेना ने सीमा पार आतंकी शिविरों को सटीकता से नष्ट किया। ऑपरेशन सिंदूर बदलते भारत को दर्शाता है। हर कोई देशभक्ति की भावना से भरा हुआ है। भारत के कई हिस्सों में तिरंगा यात्रा निकाली गई। चंडीगढ़ के वीडियो वायरल हुए। बच्चे पेंटिंग बना रहे थे। नवजात शिशुओं का नाम सिंदूर रखा गया।
ऑपरेशन सिंदूर हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को असाधारण बताते हुए कहा, ऑपरेशन सिंदूर हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर है। उन्होंने बताया कि इस ‘ऑपरेशन’ के बाद लोगों ने सशस्त्र बलों के सम्मान में सोशल मीडिया पर देशभक्ति की कविताएं साझा कीं, बच्चों ने चित्रकारी की और विशाल तिरंगा यात्राएं आयोजित की गईं।
मोदी ने आगे कहा, कई शहरों में युवाओं ने नागरिक सुरक्षा के लिए स्वेच्छा से काम किया, कविताएं लिखीं, संकल्प के गीत गाए और बच्चों ने मजबूत संदेश देने वाली चित्रकारी की। उन्होंने बीकानेर यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि वहां उन्हें बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकारी भेंट की गई। पीएम ने कहा, कटिहार और कुशीनगर जैसे शहरों में परिवारों ने ‘ऑपरेशन’ के सम्मान में अपने नवजात शिशुओं का नाम ‘सिंदूर’ रखा।
प्रधानमंत्री ने इस मिशन की सफलता का श्रेय भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को देते हुए कहा, “यह हमारे सैनिकों की परम वीरता थी, जिसे भारत में बने हथियारों, उपकरणों और प्रौद्योगिकी की शक्ति से मदद मिली।
स्वदेशी उत्पादों को चुनें, ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को गति दें
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान पर पीएम मोदी ने कहा, मैं आप सभी से स्वदेशी उत्पादों को चुनने की प्रतिबद्धता लेने का अनुरोध करता हूं, यह देश की प्रगति में भाग लेने की आपकी इच्छा को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा, इस जीत में हमारे इंजीनियरों, तकनीशियनों और योगदान देने वाले हर नागरिक का पसीना है।
माओवाद पर बात करते हुए पीएम ने कहा, माओवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के कारण माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं। मैं आपको महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के ‘काटेझारी’ नाम के एक गांव के बारे में बताना चाहता हूं, जहां पहली बार बस पहुंची है।
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कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने गिर के शेरों से जुड़ी एक सकारात्मक खबर भी साझा की। उन्होंने कहा, मैं अब शेरों से जुड़ी एक खुशखबरी साझा करना चाहता हूं। सिर्फ़ पिछले पांच साल में ही गुजरात के गिर में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। शेरों की गणना के बाद सामने आई शेरों की ये संख्या बहुत उत्साहवर्धक है। आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि ये पशुगणना कैसे होती है! ये बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शेरों की गणना 11 जिलों में, 35 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में की गई थी। गणना के लिए टीमों ने इन इलाकों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी। इस पूरे अभियान में सत्यापन और क्रॉस सत्यापन दोनों किया गया।