द लोकतंत्र : ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आये अदालती फ़ैसले के बाद एआईएमआईएम के चीफ असददुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की है। ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहख़ाने में पूजा की इजाजत देना सही नहीं है। उन्होंने कहा, यह प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है।
ज्ञानवापी फ़ैसले पर क्या बोले एआईएमआईएम के चीफ असददुद्दीन ओवैसी?
ज्ञानवापी पर आये अदालत के फ़ैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 1993 के बाद से आप खुद कह रहे हैं कि वहां कुछ नहीं हो रहा था। अपील के लिए 30 दिन का समय देना था। ज्ञानवापी मस्जिद के तहख़ाने में पूजा की इजाजत देना गलत है। मीडिया द्वारा बाबरी विध्वंस से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हां, 6 दिसंबर दोबारा हो सकता है, क्यों नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा, आज जज साहब के रिटायरमेंट का आखिरी दिन था। 17 जनवरी को रिसीवर बैठाया। इन्होंने पूरा केस ही डिसाइड कर दिया। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद मोदी इस एक्ट पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगें नहीं कि वो इसके साथ हैं, तब तक ये सब चलता रहेगा।
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बता दें, ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत ने आज एक बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यासजी का तहखाना वर्ष 1993 से बंद था और उसमें पूजा नहीं हो रही थी। हालाँकि मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।