द लोकतंत्र / दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के खिलाफ पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद करने का फैसला अब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ने वाला है। यह फैसला पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से आत्मघाती साबित हो सकता है। पाकिस्तान पहले ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। IMF से कर्ज, महंगाई, बेरोजगारी और विदेशी मुद्रा की भारी कमी जैसे संकट पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में एयरस्पेस से होने वाली आमदनी भी बंद हो जाना, उसकी आर्थिक हालत को और बिगाड़ देगा।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भी भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है।
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इस निर्णय के कारण अब भारतीय विमानों को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें वैकल्पिक मार्गों से होकर उड़ान भरनी पड़ेगी, जिससे यात्रा की दूरी और समय दोनों बढ़ सकते हैं। इससे किरायों में भी इजाफा होने की आशंका है।
एयरलाइंस को रूट बदलने की चुनौती
दिल्ली, लखनऊ और अमृतसर जैसे उत्तर भारतीय शहरों से उड़ान भरने वाले विमानों को अब नए मार्ग अपनाने होंगे। अब तक ये विमान पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल करते हुए सऊदी अरब, यूएई, ओमान, कतर, यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक पहुंचते थे। लेकिन एयरस्पेस बंद होने से इन्हें लंबे और महंगे रूट अपनाने होंगे।
पाकिस्तान को होगा ज्यादा नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह फैसला उसे ही आर्थिक रूप से भारी पड़ेगा। हवाई क्षेत्र के उपयोग के बदले मिलने वाली “ओवरफ्लाइट फीस” अब उसे नहीं मिलेगी। भारतीय विमान कंपनियां पाकिस्तान के एयरस्पेस का उपयोग करने के लिए हर साल उसे करोड़ों रुपये देती थीं।
2019 में भी जब पाकिस्तान ने एयरस्पेस बंद किया था, तब भारत को जहां 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, वहीं पाकिस्तान को भी करीब 5 करोड़ डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) की आर्थिक हानि उठानी पड़ी थी। ऐसे में इस बार भी पाकिस्तान को बड़ा नुकसान होने की संभावना है।