द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : फ्रांस की जानी-मानी रक्षा कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) ने पाकिस्तान द्वारा राफेल विमानों को गिराने के दावे को खारिज करते हुए बड़ा बयान जारी किया है। कंपनी के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने साफ़ कहा कि भारतीय वायुसेना का राफेल विमान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी हमले का नहीं, बल्कि ऊँचाई पर आई तकनीकी खराबी का शिकार हुआ था।
ट्रैपियर ने फ्रांसीसी रक्षा पोर्टल Avion Chasse को दिए गए बयान में कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक राफेल विमान को तकनीकी कारणों से नुकसान हुआ, लेकिन यह किसी दुश्मन के हमले का परिणाम नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि दसॉल्ट के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम SPECTRA ने इस बात की पुष्टि की है कि उड़ान के दौरान किसी भी तरह का शत्रुतापूर्ण संपर्क या मिसाइल टार्गेटिंग दर्ज नहीं हुई।
पाकिस्तान ने बिना सबूत किया दावा
गौरतलब है कि 7 मई 2025 से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच, पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) ने यह दावा किया था कि उसने भारतीय वायुसेना के 5 फाइटर जेट्स को मार गिराया, जिनमें 3 राफेल भी शामिल थे। पाकिस्तान के मुताबिक, उन्होंने J-10C फाइटर जेट से PL-15E लॉन्ग-रेंज मिसाइल का उपयोग किया था।
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हालांकि, इस दावे के समर्थन में पाकिस्तान ने कोई वीडियो, फोटो या रडार डेटा पेश नहीं किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दसॉल्ट एविएशन ने इन दावों को “झूठा और बेबुनियाद” करार दिया।
दसॉल्ट पारदर्शिता में विश्वास रखती है
एरिक ट्रैपियर ने ज़ोर देते हुए कहा कि दसॉल्ट एविएशन कभी भी अपने विमानों से जुड़े किसी भी ऑपरेशनल नुकसान को छिपाती नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत से भेजे गए फ्लाइट लॉग्स में भी कोई ऐसा संकेत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि राफेल को किसी दुश्मन ने निशाना बनाया था।
इस बयान के साथ ही एक बार फिर यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान द्वारा राफेल को मार गिराने का दावा एक प्रचार मात्र था, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम फैलाना था।