द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों से स्वदेशी अपनाने की जोरदार अपील की। उन्होंने कहा कि भारत की असली ताकत स्थानीय उद्योगों, कारीगरों और छोटे व्यापारियों के हाथों में है। पीएम मोदी ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे गर्व से कहें, ‘मैं स्वदेशी बेचता/खरीदता हूं।’ उन्होंने कहा कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत को नई दिशा देगा और भारत की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाएगा।
2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत की कही बात
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आर्थिक मोर्चे पर बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि GST सुधारों और आयकर में राहत के जरिए देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। यह लाभ मध्यम वर्ग, युवा, महिलाओं, किसानों, दुकानदारों और छोटे व्यापारियों तक सीधे पहुंचेगा। जीएसटी के नए ढांचे में केवल 5% और 18% की मुख्य दरें रखी गई हैं। पहले के 12% और 28% वाले स्लैब को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, जिससे रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं पर टैक्स कम होगा और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ घटेगा।
मोदी ने घोषणा की कि इन सुधारों के लागू होने के साथ ही देश में ‘बचत उत्सव’ मनाया जाएगा। यह उत्सव नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में आम लोगों को राहत मिलेगी। होटल, वाहन, यात्रा और अन्य जरूरतों पर कम जीएसटी दरें लागू होंगी, जिससे खरीदारी आसान और सस्ती हो जाएगी।
हमारे पास दुनिया में कोई बड़ा दुश्मन नहीं
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में अमेरिका के H-1B वीजा शुल्क और ट्रेड टैरिफ का सीधा उल्लेख नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा, हमारे पास दुनिया में कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। हमारी असली चुनौती दूसरों पर निर्भरता है, और इसे हराना हमारी प्राथमिकता है। यह बयान अमेरिका द्वारा वीजा फीस बढ़ाने और 50% टैरिफ लगाने के बीच भारत के स्वदेशी रुख का संकेत माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि ये सुधार केवल कीमतें घटाने के लिए नहीं हैं, बल्कि नए व्यवसाय और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भी हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी और आयकर सुधार निवेश को प्रोत्साहित करेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे। 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले देश में दर्जनों कर जैसे एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, वैट और सर्विस टैक्स लागू थे। नए सुधार इन जटिलताओं को खत्म कर व्यापार को आसान बनाएंगे।
12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर जीरो टैक्स
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने इस साल 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर टैक्स को शून्य कर दिया है। इसके चलते मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को मात दी है और नया मध्यम वर्ग भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रमुख स्तंभ बनकर उभरा है। जीएसटी में कमी के बाद घर, वाहन और यात्रा जैसे खर्चों में गिरावट आएगी, जिससे लोगों के सपनों को साकार करना आसान होगा।
मोदी ने कहा कि GST सुधार नागरिकों के जीवन में सरलता लाएंगे। कम कर से बचत बढ़ेगी और लोगों की क्रयशक्ति मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर राज्य विकास की दौड़ में बराबरी से भाग ले और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक मंच पर स्थापित किया जा सके।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के लिए हर नागरिक को जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने ‘बचत उत्सव’ का लाभ लेने और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की। पीएम मोदी के इस संबोधन ने न केवल आम जनता को आर्थिक राहत का भरोसा दिया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस रोडमैप भी प्रस्तुत किया। यह पहल भारत को आर्थिक मजबूती और स्वदेशी उत्पादन के नए युग की ओर ले जाने का संदेश देती है।