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CAA को लेकर असम में विरोध प्रदर्शन, पीएम के दौरे के पूर्व AASU और विपक्ष ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी

Protests in Assam regarding CAA, AASU and opposition warned of hunger strike before PM's visit

द लोकतंत्र : CAA कानून देश में लागू होने जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के पहले सीएए पूरे देश में लागू हो जाएगा। वहीं, असम में इस क़ानून को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। असम में सोलह दलों वाले संयुक्त विपक्षी मंच असम (यूओएफए) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को रद्द करने के लिए गुरुवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप करने की मांग की।

दरअसल, विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे राज्य भर में ‘लोकतांत्रिक जन आंदोलन’ करेंगे। 9 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असम दौरा प्रस्तावित है। संगठनों की तरफ़ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दिन असम के सभी जिलों में 12 घंटे की भूख हड़ताल होगा।

सीएए का इंप्लीमेंटेशन लोगों के साथ अन्याय

AASU अध्यक्ष उत्पल सरमा ने गुवाहाटी में अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की। जिसके बाद उन्होंने कहा कि सीएए का इंप्लीमेंटेशन लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि असम के लोगों ने सीएए को कभी स्वीकार नहीं किया है और इसके इंप्लीमेंटेशन की दिशा में किए जाने वाले सरकार के किसी भी कदम का विरोध किया जाएगा।

सीएए को लागू करने के सरकार के रवैये का विरोध करने को लेकर उन्होंने कहा, हम कानूनी लड़ाई के साथ-साथ केंद्र के फैसले के खिलाफ लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे। विपक्ष ने राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप करने और केंद्र को असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को लागू करने के अपने फैसले से बचने और इस ‘असंवैधानिक और राष्ट्र-विरोधी’ अधिनियम को रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

क्या है CAA, क्यों हो रहा विरोध

नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act) केंद्र सरकार द्वारा लाया गया एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देशों मसलन पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी। 

हालाँकि, इस कानून में इन तीन देशों से आए मुसलमानों को नागरिकता देने से बाहर रखा गया है। कई आलोचका का मानना है कि इस कानून से मुसलमानों से भेदभाव हो रहा है और ये भारत में समानता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करता है। मुस्लिम कम्यूनिटी इस क़ानून का विरोध कर रही है।

पीएम का असम दौरा और CAA को लेकर विरोध

बता दें, प्रधानमंत्री मोदी 8 और 9 मार्च को असम की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में रहने वाले हैं। 9 मार्च को, प्रधानमंत्री जोरहाट में प्रसिद्ध अहोम जनरल लाचित बरफुकन की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी जोरहाट के मेलेंग मेटेली पोथार में एक सार्वजनिक बैठक को भी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को देखते हुए विपक्ष ने भी विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तय की है। CAA के विरोध को लेकर 12 घंटे भूख हड़ताल का आह्वाहन किया गया है। विपक्ष का कहना है कि, यह अधिनियम न केवल असंवैधानिक है बल्कि यह इतिहास, संस्कृति, सामाजिक ताने-बाने, अर्थव्यवस्था और असमिया लोगों की पहचान को खतरे में डालकर 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते को भी रद्द करने वाला है।

Team The Loktantra

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