द लोकतंत्र: भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार नए सेमीकंडक्टर निर्माण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिनकी स्थापना ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में की जाएगी। इन योजनाओं में कुल 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इससे पहले सरकार छह सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुकी है और अब चार और जुड़ने से यह संख्या 10 हो गई है। उनका कहना है कि यह कदम भारत को चिप निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने और डिजिटल इंडिया के विज़न को मजबूत करने के लिए अहम है।
तकनीकी और औद्योगिक मजबूती
इन नए प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक उत्पादन इकाइयां लगाई जाएंगी, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए जरूरी चिप्स का घरेलू उत्पादन सुनिश्चित करेंगी। इससे भारत की विदेशी आयात पर निर्भरता घटेगी और तकनीकी क्षमता में वृद्धि होगी।
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि इन प्रोजेक्ट से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
कैबिनेट के तीन बड़े फैसले
कैबिनेट की बैठक में तीन अहम निर्णय लिए गए:
चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को मंजूरी।
लखनऊ मेट्रो फेज-1B को हरी झंडी, जिससे शहर के यातायात ढांचे को मजबूती मिलेगी।
टाटो-II जलविद्युत परियोजना को मंजूरी, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन में योगदान देगी।
इन तीनों निर्णयों को देश के बुनियादी ढांचे और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
राज्यों को मिलेगा सीधा लाभ
ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में लगने वाले सेमीकंडक्टर प्लांट्स स्थानीय उद्योगों को नई दिशा देंगे और तकनीकी सप्लाई चेन को मजबूती प्रदान करेंगे। यह निवेश न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि इन राज्यों की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की परियोजनाएं भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर और अधिक प्रभावी रूप से स्थापित करेंगी, जिससे देश का तकनीकी आत्मनिर्भरता अभियान तेज होगा।