द लोकतंत्र : मणिपुर वायरल वीडियो मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से कई सख्त सवाल किए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद यह मामला सामने आया, लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है, जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया है। अन्य घटनाएं भी हैं।
मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट के तल्ख़ तेवर
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि, 4 मई की घटना पर पुलिस ने 18 मई को FIR दर्ज की। 14 दिन तक कुछ क्यों नहीं हुआ? वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई कि महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया। और कम से कम दो के साथ बलात्कार किया गया। पुलिस तब क्या कर रही थी? उन्होंने पूछा कि तीन मई के बाद से, जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, ऐसी कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इस मामले में मणिपुर की दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं। इस पर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है। तुषार मेहता ने कहा कि हमने यह कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए। हमने कभी असम नहीं कहा।
उन दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पुलिस उन लोगों के साथ सहयोग कर रही थी, जिन्होंने दोनों महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया। पुलिस ने इन महिलाओं को भीड़ में ले जाकर छोड़ दिया और भीड़ ने वही किया, जो वे करते थे।
यह भी पढ़े : सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बोले – ज्ञानवापी मस्जिद में कोई त्रिशूल नहीं कानूनन यह हमारा
सिब्बल ने कहा, पीड़ित महिलाओं में से एक के पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। हमारे पास अभी भी शव नहीं हैं। 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई। जब कोर्ट ने संज्ञान लिया, तब कुछ हुआ। तो फिर हम कैसे भरोसा करें? ऐसी कई घटनाएं होंगी। इसलिए हम एक ऐसी एजेंसी चाहते हैं, जो मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र हो।
वहीं, मणिपुर हिंसा मामले में कुकी पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने सीबीआई जांच का विरोध किया और सेवानिवृत्त डीजीपी वाली एसआईटी से जांच की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मणिपुर के किसी भी अधिकारी को शामिल न करने की मांग की है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की फिर से सुनवाई के लिए कल 02 बजे का वक़्त निर्धारित किया है। उन्होंने कहा, 02 से अनुच्छेद 370 केस की सुनवाई शुरू हो रही है इसलिए इस मामले की कल ही सुनवाई करनी होगी।