द लोकतंत्र : बुधवार को दिल्ली सहित देश के कम से कम 5 राज्यों—मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक—के प्रमुख एयरपोर्टों पर हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। तकनीकी खामियों और कुछ स्थानों पर क्रू की कमी के चलते देशभर में इंडिगो समेत चार प्रमुख एयरलाइंस की करीब 200 उड़ानें कैंसल की गईं। इस व्यवधान की वजह एयरपोर्टों पर इस्तेमाल किए जाने वाले IT सिस्टम में आई तकनीकी खराबी बताई गई, जिसके कारण चेक-इन और बोर्डिंग प्रोसेस में बड़ी दिक्कत आई।
सेवा में बाधा और माइक्रोसॉफ्ट विवाद
समस्या की शुरुआत दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह से हो गई थी, जिससे इंडिगो, स्पाइसजेट, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें प्रभावित हुईं।
- माइक्रोसॉफ्ट का खंडन: उत्तर प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट पर यात्रियों को शुरुआत में बताया गया था कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आए वैश्विक सर्विस आउटेज के कारण IT सर्विस पर असर पड़ा है। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने इस बात को नकारते हुए कहा कि उनके विंडोज सिस्टम पर कोई तकनीकी समस्या नहीं है। यह विरोधाभास आईटी सिस्टम में आई मूल समस्या की गहन जांच की आवश्यकता को दर्शाता है।
- बढ़ता बोझ: बेंगलुरु में 42, हैदराबाद में 13 और मध्यप्रदेश में 11 फ्लाइटें रद्द की गईं, जिससे हवाई यात्रा की डिजिटल निर्भरता के जोखिम सामने आ गए।
मैनुअल प्रक्रिया से यात्रियों की परेशानी
चेक-इन और बोर्डिंग प्रोसेस में दिक्कत आने के बाद, सभी एयरलाइंस ने मैनुअल चेक-इन और बोर्डिंग प्रोसेस लागू कर दिया।
- अव्यवस्था और भीड़: दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि ऑन-ग्राउंड टीमें सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इसके बावजूद, हैदराबाद के राजीव गांधी एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ देखने को मिली, जहां सिस्टम में खराबी और देरी की वजह से कई यात्रियों की फ्लाइट छूट गई।
- इंडिगो की स्वीकारोक्ति: इंडिगो के एक स्पोक्सपर्सन ने तकनीकी समस्या, एयरपोर्ट पर भीड़ और ऑपरेशनल जरूरतों को विलंब और कैंसिलेशन की वजह बताते हुए जल्द ही ऑपरेशन को सामान्य करने का आश्वासन दिया है।
यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि देश के प्रमुख एयरपोर्ट किसी भी तकनीकी विफलता से निपटने के लिए कितने तैयार हैं, और क्या सुरक्षित बैकअप सिस्टम पर्याप्त हैं जो यात्रियों को असुविधा से बचा सकें।

