द लोकतंत्र : आर्थिक सुधारों के जनक और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ। उनकी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने उन्हें कंधा भी दिया।
इसके पहले, पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में आम जनता के दर्शन के लिए रखा गया था। यहां मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व तमाम कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी। कांग्रेस मुख्यालय में डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। गुरशरण कौर ने पुष्प अर्पित कर अपने पति को अंतिम विदाई दी।
डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास से सुबह 9 बजे कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ता और नेता पहले से उनके अंतिम दर्शन के लिए मौजूद थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया।
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), और मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत हुई, जो देश में बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव लेकर आईं। उनके योगदान को हमेशा भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर माना जाएगा।