द लोकतंत्र/ नई दिल्ली डेस्क : राजस्थान के जोधपुर जिले में रविवार, 2 नवंबर को हुए एक हृदयविदारक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया। फलोदी उपखंड के मतोड़ा थाना क्षेत्र में श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से जा भिड़ी, जिसमें 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक और घायल सभी जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
पवित्र कोलायत धाम के दर्शन कर लौट रहे थे श्रद्धालु
जानकारी के अनुसार, बस बीकानेर जिले के पवित्र कोलायत धाम के दर्शन कर लौट रही थी और जोधपुर की ओर आ रही थी। उसी दौरान मतोड़ा के पास सड़क किनारे खड़े एक ट्रेलर से तेज रफ्तार बस पीछे से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। हादसे के तत्काल बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और आसपास के लोगों ने राहत कार्य शुरू किया।
मतोड़ा थाना प्रभारी अमानाराम ने पुष्टि की है कि हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 3 से 4 यात्री गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा के बाद बेहतर इलाज के लिए जोधपुर रेफर किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि चालक ट्रेलर को देख नहीं पाया और बस सीधे उसमें जा घुसी। पुलिस के अनुसार, हादसे के बाद ट्रेलर चालक मौके से फरार हो गया और उसकी तलाश जारी है।
मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजे गये
घटना स्थल पर हालात भयावह थे। ग्रामीणों और राहगीरों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी और घायलों को बाहर निकालने में मदद की। जेसीबी मशीनों की मदद से बस के मलबे को हटाकर यात्रियों को बाहर निकाला गया। राहत कार्य में देरी न हो, इसके लिए प्रशासनिक टीमें, पुलिस अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मी मौके पर मौजूद रहे। गंभीर घायलों को फलोदी अस्पताल और फिर जोधपुर के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। जोधपुर के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंचे। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचना दी जा रही है। घटना के बाद सूरसागर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने और हाईवे पर खड़े भारी वाहनों की निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है
यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि हाईवे पर खड़े भारी वाहनों, पर्याप्त रोशनी की कमी और सतर्कता की लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकती है। धार्मिक यात्रा से लौटते श्रद्धालुओं के लिए यह सफर उनके परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला सदमा बन गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रेलर चालक की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं।
प्रदेश सरकार ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। प्रशासन पीड़ित परिवारों को सहायता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में है। यह घटना न केवल सड़क सुरक्षा प्रबंधन पर प्रश्न चिह्न लगाती है, बल्कि यह भी बताती है कि यात्रा के दौरान सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।

