द लोकतंत्र : बॉलीवुड के मशहूर गायक अदनान सामी जो अपनी सुरीली आवाज और हिट गानों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं, इस बार एक गंभीर धोखाधड़ी के मामले को लेकर सुर्खियों में हैं। यह मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से जुड़ा है, जहां एक स्थानीय आयोजक ने अदनान सामी और उनकी टीम पर ₹17 लाख से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
आयोजक लावण्या सक्सेना ने इस मामले में पहले स्थानीय पुलिस और उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने पर उन्होंने जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
ग्वालियर कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
यह मामला 28 अक्टूबर को ग्वालियर कोर्ट में सुनवाई के लिए आया, जहां अदालत ने मामले को गंभीरता से लिया।
कोर्ट का आदेश: जिला न्यायालय ने इस मामले में इंदरगंज थाना प्रभारी और एसपी ग्वालियर से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इसका अर्थ है कि कोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है और उसकी वर्तमान स्थिति क्या है।
अगली सुनवाई: मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर 2025 को तय की गई है।
क्या है धोखाधड़ी का पूरा मामला?
शिकायतकर्ता लावण्या सक्सेना के अनुसार, यह मामला वर्ष 2022 का है।
डील: लावण्या सक्सेना ने 27 सितंबर 2022 को सिंगर अदनान सामी का संगीत कार्यक्रम ग्वालियर में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था। यह कार्यक्रम 33 लाख रुपये की कुल डील पर तय हुआ था।
एडवांस पेमेंट: डील के तहत, आयोजक लावण्या ने 17 लाख 62 हजार रुपये की एडवांस राशि अदनान सामी की टीम को दी थी।
अचानक कार्यक्रम रद्द करना और रकम लौटाने से इनकार
शिकायतकर्ता का आरोप है कि एडवांस रकम मिलने के बाद, सामी की टीम ने अचानक कार्यक्रम कैंसिल कर दिया और बाद की तारीख में फंक्शन करने की बात कही।
संपर्क की कोशिश: कई बार संपर्क करने और नई तारीख तय करने की कोशिशों के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ।
रकम वापसी से इनकार: जब आयोजक ने अपनी एडवांस राशि वापस मांगी, तो अदनान सामी की टीम ने रकम लौटाने से साफ इंकार कर दिया।
पुलिस ने नहीं की ठोस कार्रवाई
एडवांस राशि वापस न मिलने पर लावण्या सक्सेना ने कानूनी सहारा लेना शुरू किया:
उन्होंने सबसे पहले 4 सितंबर 2025 को इंदरगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनके अनुसार पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद, उन्होंने 11 सितंबर 2025 को एसपी धर्मवीर सिंह यादव को लिखित आवेदन दिया।
फिर 6 अक्टूबर 2025 को उन्होंने आईजी अरविंद सक्सेना के ऑफिस में भी शिकायत दर्ज कराई, पर वहां से भी कोई राहत नहीं मिली।
इन सभी प्रयासों के बाद, शिकायतकर्ता ने आखिरकार जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट ने अब पुलिस से रिपोर्ट मांगकर इस मामले को गंभीरता दे दी है। अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी का मामला है, और पैसे लेने के बावजूद कार्यक्रम न करना और फिर रकम वापस न करना भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है।

