द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बिहार चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में लंबे समय से चल रहा सीटों के बंटवारे का सस्पेंस अब समाप्त हो गया है। गठबंधन के प्रमुख दलों ने आपसी चर्चा और रणनीतिक विचार-विमर्श के बाद अपने-अपने हिस्से की सीटों को अंतिम रूप दे दिया है। इस बंटवारे में सबसे बड़ी हिस्सेदारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पास गई है, जबकि छोटे सहयोगियों को भी सम्मानजनक हिस्सेदारी दी गई है। अब गठबंधन का पूरा ध्यान उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति पर केंद्रित हो गया है।
बीजेपी और JDU को बराबर सीटें
सूत्रों के अनुसार, एनडीए में सीट बंटवारे में बीजेपी और JDU ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। दोनों दल 101-101 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। यह बंटवारा गठबंधन में संतुलन बनाए रखने और आपसी सहमति को दर्शाता है। पिछले चुनावों के प्रदर्शन और मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह फैसला दोनों बड़ी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
छोटे सहयोगियों को भी मिली हिस्सेदारी
एनडीए ने अपने छोटे सहयोगियों को भी सम्मानजनक सीटें दी हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान को 29 सीटें मिली हैं, जो उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को दर्शाती हैं। वहीं, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के जीतन राम मांझी को 6-6 सीटें दी गई हैं। इस तरह, गठबंधन ने सभी सहयोगियों को शामिल करते हुए व्यापक और संतुलित चुनावी टीम तैयार की है।
15 अक्टूबर से पीएम मोदी करेंगे बिहार में प्रचार
सीट बंटवारे की घोषणा के साथ ही एनडीए ने अपने चुनावी अभियान की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अक्टूबर से बिहार में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी की रैलियां गठबंधन के प्रचार अभियान को गति देंगी और एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।
विश्लेषकों के अनुसार, इस सीट बंटवारे और आगामी प्रचार अभियान से एनडीए को चुनाव में मजबूती मिलने की संभावना है। गठबंधन ने संतुलित और समायोजित रणनीति अपनाकर बीजेपी-जेडीयू और सहयोगी दलों के बीच सहयोग कायम रखने की कोशिश की है।