द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र महागठबंधन का पूरा प्रचार तेजस्वी यादव के चेहरे के इर्द-गिर्द ही केंद्रित रहा है। लेकिन IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या तेजस्वी यादव अब भी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरा बने रहेंगे। इस घोटाले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सभी आरोपी बन चुके हैं, जिससे गठबंधन की चुनावी रणनीति पर असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा बनाए रखने को लेकर असमंजस
कांग्रेस अभी तक सीटों के मोलभाव के कारण तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का आधिकारिक चेहरा घोषित करने से बच रही थी। उनका लक्ष्य गठबंधन में अधिक सीटें हासिल करना था। लेकिन अब IRCTC घोटाले में तेजस्वी यादव के आरोपी बनने से कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के लिए असमंजस की स्थिति बन गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला महागठबंधन की इमेज और चुनावी प्रचार को प्रभावित कर सकता है।
तेजस्वी बोले – मैं ज़िंदा हूं, हम भाजपा से लड़ते रहेंगे
इस मामले पर मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा, ये कोर्ट की सामान्य प्रक्रिया है, हम लड़ेंगे। हम तो पहले से ही कह रहे थे कि अब चुनाव हैं तो ये सब होगा ही, लेकिन हम लड़ेंगे, तूफ़ानों से लड़ने का अपना अलग ही मज़ा है। हमने हमेशा संघर्ष का रास्ता चुना है, हम अच्छे मुसाफ़िर भी बनेंगे और अपनी मंज़िल तक भी पहुंचेंगे। बिहार की जनता समझदार है और जानती है क्या हो रहा है। जब तक भाजपा है और मैं ज़िंदा हूं, हम भाजपा से लड़ते रहेंगे।
IRCTC मामले में आरोप तय होने के बाद तेजस्वी यादव की छवि पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि IRCTC मामले में आरोप तय होने के बाद तेजस्वी यादव की छवि और महागठबंधन की चुनावी रणनीति दोनों चुनौतीपूर्ण स्थिति में आ गई हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस और अन्य घटक दल इस राजनीतिक जटिलता को कैसे संभालते हैं और क्या तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में अपना स्थान बनाए रख पाएंगे।
इस बीच, भाजपा इस मामले को चुनावी मुद्दे के रूप में भुनाने की रणनीति पर काम कर रही है, जिससे महागठबंधन के लिए आगामी चुनाव और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

