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टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बढ़ाये गये टैरिफ़ दरों पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उठाए सवाल

Congress General Secretary Randeep Singh Surjewala raised questions on the tariff rates increased by telecom companies

द लोकतंत्र : टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ़ दरों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि तीन जुलाई, 2024 से इस देश में सेल फोन की दरें अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दी गईं। देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं। मोदी सरकार ने इन 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपये का बोझ डाल दिया है।

बढ़े हुए टेलीकॉम दर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का का नया प्रसाद

सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा कि यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का का नया प्रसाद है। सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के सेल फोन मार्केट में मुख्य तौर पर तीन सेल फोन ऑपरेटर हैं। रिलांयस जियो के 48 करोड़ यूजर्स, एयरटेल के 39 करोड़ यूजर्स और वोडाफोन आइडिया के 22 करोड़ 37 लाख यूजर्स हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई की एक रिपोर्ट के अनुसार सेल फोन कंपनियां अपने हर सेल फोन ग्राहक से 152.55 रूपये प्रति माह कमाती हैं। 27 जून को रिलायंस जियो ने अपने रेट 12 प्रतिशत से 27 प्रतिशत तक बढ़ा दिए। 28 जून को एयरटेल ने अपने रेट 11 प्रतिशत से 21 प्रतिशत बढ़ा दिए। 29 जून को वोडाफोन आइडिया ने भी अपने रेट 10 प्रतिशत से 24 प्रतिशत बढ़ा दिए। साफ है कि तीनों कंपनियों ने सलाह कर सिर्फ 72 घंटे में सेलफोन शुल्क बढ़ाने की घोषणा की।

रिलायंस जियो के हर यूजर पर 30.51 रुपये प्रति माह का अतिरिक्त बोझ

सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अगर हम सेल फोन कंपनियों का औसत शुल्क देखें तो पता चलेगा कि रिलायंस जियो के हर यूजर पर 30.51 रुपये प्रति माह की बढ़त हुई है, यानी 17,568 करोड़ रुपये सालाना। एयरटेल के हर ग्राहक पर 22.88 रुपये मासिक की बढ़त हुई है, यानी 10,704 करोड़ रुपये सालाना। वोडाफोन आइडिया के हर यूजर पर 24.40 रुपये प्रति माह की बढ़त हुई है, यानी 6,552 करोड़ रुपये सालाना है। सुरजेवाला ने सवाल किए कि क्या मोदी सरकार ने 109 करोड़ सेलफोन यूजर्स पर लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का बोझ डालने से पहले कोई जांच की।

क्या मोदी सरकार ने नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम की खरीद से होने वाले असर का कोई अध्ययन किया। क्या मोदी सरकार ने एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू पर दी गई पिछली रियायतों का क्या असर होगा, इसका अध्ययन किया। ऐसा कैसे हो सकता है कि सभी सेल फोन कंपनियां अपना टैरिफ 15-20 प्रतिशत बढ़ा दें, जबकि उनका इंवेस्टमेंट, कस्टमर बेस आदि सब अलग है। क्या ये सच नहीं कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और ट्राई को निष्क्रिय ट्रस्टी की तरह नहीं, जनता के कल्याण लिए सक्रिय ट्रस्टी की तरह काम करने को कहा था।

Team The Loktantra

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