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मतभेद, निजी कारण या BJP का टिकट, विपक्ष ने पूछा – क्या है चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे की वजह?

Differences, personal reasons or BJP ticket, opposition asked - What is the reason for the resignation of Election Commissioner Arun Goyal?

द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव की तैयारियाँ अपने अंतिम चरण में है। कभी भी चुनाव आयोग तारीख़ों की घोषणा कर सकता है। हालाँकि उसके पहले ही 1985 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अरुण गोयल ने चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफ़ा दे दिया। पंजाब काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण गोयल का इस्तीफ़ा ऐसे समय हुआ है जब चुनाव की तिथियों को घोषणा कभी भी हो सकती है। विपक्ष ने अरुण गोयल के इस्तीफ़े की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया है।

चुनाव आयुक्त के इस्तीफ़े पर विपक्ष ने उठाया सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस्तीफ़े पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) संवैधानिक संस्था है और उसे निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्होंने कहा, अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। इसको लेकर मेरे मन में 3 सवाल हैं। पहला, क्या मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके बीच कुछ मतभेद हैं? क्या मोदी सरकार और उनके बीच कुछ मतभेद हैं? दूसरा, उनके कुछ व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं? तीसरा, क्या उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकें? इसको लेकर अगले कुछ दिनों में चीजें साफ हो जाएंगी।

अरुण गोयल की नियुक्ति भी थी विवादों में

चुनाव और इससे जुड़े मामलों में पारदर्शिता के लिए काम कर रही संस्था असोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक राइस्ट (एडीआर) ने अरुण गोयल की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और इसे एकतरफा करार दिया था। संस्था की दलील थी कि गोयल को ज़रूर पहले से जानकारी रही होगी इसलिए उन्होंने चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति से ठीक पहले वॉलंटरी रिटायरमेन्ट ले लिया। हालाँकि ये याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

बता दें, मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्‍ट्रपति द्वारा की जाती है। आयोग में बहु-सदस्यीय अवधारणा प्रचलन में है। जिसमें आयोग के कार्यों में सहयोग देने के लिए एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं। तीन सदस्यों में से एक आयुक्त अनूप चंद्र पांडे दरअसल बीते महीने रिटायर हुए हैं। वहीं, अरुण गोयल के इस्तीफ़े के बाद तीन सदस्यों वाले इस संगठन में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही रह गए गए हैं।

कार्यकाल दिसंबर, 2027 तक था। हालाँकि उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दे दिया। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया। ये 9 मार्च से ही प्रभावी भी हो गया। 

Team The Loktantra

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