द लोकतंत्र/ पटना : सारण जिले के अमनौर थाना क्षेत्र में पुलिस ने शुक्रवार को जन सुराज पार्टी के सक्रिय नेता और अमनौर निवासी उज्जवल कुमार को फर्जी मामला दर्ज कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उन्हें कांड संख्या 212/25 के अनुसंधान के दौरान हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि उज्जवल कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी से संभावित प्रत्याशी माने जा रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद स्थानीय राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
फर्जी साक्ष्य प्रस्तुत करने का आरोप
पुलिस के अनुसार, जुलाई 2025 में दर्ज इस मामले में उज्जवल कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ओमप्रकाश सिंह उर्फ बिट्टू सिंह को फंसाने के लिए फर्जी साक्ष्य पेश किए थे। 13 जुलाई 2025 को दर्ज मामले में उज्जवल कुमार ने पुलिस को एक देसी कट्टा और रॉयल स्टैग व्हिस्की की टूटी सील वाली बोतल साक्ष्य के रूप में सौंपी थी। उनका दावा था कि ये वस्तुएं ओमप्रकाश सिंह के कब्जे से बरामद हुई हैं।
लेकिन, पुलिस जांच में कई विसंगतियां सामने आईं। घटनास्थल निरीक्षण, तकनीकी रिपोर्ट, गवाहों के बयान और वरिष्ठ अधिकारियों की पर्यवेक्षण रिपोर्ट में पाया गया कि प्रस्तुत साक्ष्य संदिग्ध परिस्थितियों में पेश किए गए थे।
पुलिस जांच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संजय कुमार ने मामले की समीक्षा करते हुए बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उज्जवल कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राजनीतिक रंजिश के चलते ओमप्रकाश सिंह को मारपीट कर फंसाने की कोशिश की थी। पुलिस को गुमराह करने और झूठे साक्ष्य पेश करने का यह कृत्य एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
एसपी ग्रामीण के निर्देश पर अमनौर थाना में उज्जवल कुमार, उपेंद्र सिंह और रंजीत कुमार सिंह (तीनों ग्राम गंगापुर निवासी) के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि इन तीनों पर झूठी सूचना देकर निर्दोष व्यक्ति को फंसाने का प्रयास करने का आरोप है। शुक्रवार को पुलिस ने उज्जवल कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि यदि आगे की जांच में और साक्ष्य मिलते हैं तो अतिरिक्त धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।
उज्जवल कुमार की गिरफ्तारी से जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। पार्टी समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह साक्ष्यों और जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। मामले की जांच अभी जारी है और पुलिस ने साफ किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।