द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी प्रत्याशी चंदा देवी, जो भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की पत्नी हैं, की उम्मीदवारी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। छपरा विधानसभा सीट से आरजेडी ने चंदा देवी को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन अब उनके नामांकन पत्रों में तकनीकी पेंच फंस गया है, जिससे उनके चुनाव लड़ने पर संशय गहराता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, नामांकन पत्रों की जांच के दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ कि चंदा देवी का नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। निर्वाचन प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी उम्मीदवार के लिए मतदाता सूची में नाम दर्ज होना अनिवार्य होता है। इस कारण अब चंदा देवी की उम्मीदवारी पर खतरा मंडरा रहा है और निर्वाचन अधिकारी इस मामले की विस्तृत जांच में जुटे हैं।
चंदा देवी नहीं तो क्या ख़ुद खेसारी लड़ेंगे चुनाव?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, चंदा देवी का नाम मुंबई की मतदाता सूची में दर्ज बताया जा रहा है, जहां उनके नाम से एक फ्लैट और अन्य संपत्तियाँ मौजूद हैं। वहीं, उनके पैतृक निवास स्थान धानाडीह गांव (एकमा विधानसभा क्षेत्र) की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि चुनाव आयोग ने नामांकन की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं। राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा तेज है कि यदि यह पेंच सुलझा नहीं, तो चंदा देवी का नामांकन रद्द भी हो सकता है। इससे न केवल आरजेडी की छपरा सीट पर रणनीति प्रभावित होगी, बल्कि खेसारी लाल यादव के राजनीतिक प्रवेश पर भी प्रश्नचिह्न लग सकता है।
हालाँकि, चर्चा है कि अब छपरा सीट से ख़ुद खेसारी लाल यादव चुनाव लड़ सकते हैं। लालू यादव की तरफ़ से सिम्बल भी दिया जा चुका है। अब प्रत्याशी कौन होगा यह जल्द सामने होगा। फिलहाल आरजेडी के स्थानीय नेता और चंदा देवी के प्रतिनिधि चुनाव आयोग से बातचीत में जुटे हैं, ताकि इस तकनीकी अड़चन को जल्द सुलझाया जा सके। लेकिन स्थिति यह स्पष्ट करती है कि छपरा सीट पर आरजेडी की राह अब आसान नहीं रही।

