द लोकतंत्र : लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के तिकुनिया में किसानों को थार गाड़ी से कुचलने की वीडियो आप सबने ज़रूर देखी होगी। उस कांड में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम उछला था। महिंद्रा थार रजिस्ट्रेशन नंबर UP31 AS 1000 से तिकुनिया में कथित तौर पर किसानों को कुचला गया था। जिसकी वीडियो भी वायरल हुई थी। अब, भाजपा ने तिकुनिया कांड को नज़रअन्दाज़ कर दिया है। अजय मिश्रा टेनी को फिर से लखीमपुर खीरी से उम्मीदवार बनाया गया है।
बता दें, उक्त घटना में प्रयुक्त थार गाड़ी का पंजीकरण केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के नाम से था। ऐसे आरोप भी लगे थे कि थार गाड़ी में अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मौजूद थे। आशीष पर फायरिंग करने का आरोप लगा था जिसमें एक किसान की मौत हो गई थी। इसके अलावा थार गाड़ी से कई किसान कुचले गए थे जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी और कई बुरी तरह घायल हो गये थे। इस मामले में टेनी के बेटे अशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था।
किसानों के हत्यारे को टिकट – अजय राय
भाजपा के इस कदम से सोशल मीडिया पर जहां काफ़ी आलोचना की जा रही हैं वहीं यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने किसान के हत्यारे को टिकट दे दिया। बीजेपी ने नीतियों के खिलाफ जाकर काम किया है। अजय मिश्रा टेनी को पार्टी ने टिकट दे दिया।
अजय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, किसानों के हत्यारे किसान की बात करते हैं। किसानों के हत्यारे टेनी जो पूरी तरह अपराधी हैं। उनपर कितने मुकदमे दर्ज हैं। तड़ीपार हैं और उसको बीजेपी ने टिकट दे दिया। बीजेपी नैतिकता की बात करती है और पार्टी विद डिफरेंस की बात करती है। कहां नैतिकता बची?
यह भी पढ़ें : भाजपा ने खोले पत्ते, उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी, नरेंद्र मोदी वाराणसी से लड़ेंगे
अजय राय ने आगे कहा, जो किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या कर देते हैं ऐसे लोगों को टिकट दिया गया है जिससे साबित होता है कि बीजेपी किसान विरोधी है।
तिकुनिया कांड में आशीष मुख्य आरोपी
तीन अक्टूबर 2021 को तिकुनिया कांड में चार किसान और एक पत्रकार की हत्या में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें धारा 302, 304ए, 147, 148, 149, 279, 338 और 120बी लगी हुई थी। इन्हीं धाराओं में एसआईटी ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास और सुमित जायसवाल समेत सभी आरोपियों को जेल भेजा था। इस मामले की एसआईटी जाँच भी हुई और जाँच टीम ने यह माना था कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाना दुर्घटना नहीं साज़िश थी।