द लोकतंत्र : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार का सियासी समीकरण बदलने के लिए तैयार हैं। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ‘जन सुराज’ पार्टी के बैनर तले सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। बता दें, प्रशांत किशोर की जन सुराज अभियान अब एक राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित हो जाएगी। 2 अक्टूबर 2022 से शुरू हुई उनकी ‘जन सुराज पदयात्रा’ आगामी 2 अक्टूबर 2024 को एक राजनीतिक दल का आकार ले लेगी।
ख़ुद को साबित करने की चुनौती
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में पटना के ज्ञान भवन स्थित बापू सभागार में लिया गया निर्णय आने वाले विधानसभा चुनाव में कई दलों के सियासी समीकरण को बिगाड़ देगी। हालाँकि, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर के सियासी रणनीति और उनके मैनेजमेंट की परीक्षा भी होगी। बता दें, लोकसभा चुनाव के संदर्भ में एनडीए को लेकर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी ‘फेल’ साबित हुई जिसके बाद उनकी सबसे बड़ी परीक्षा बिहार विधानसभा चुनाव में होगी जिसमें उनके सामने ख़ुद को साबित करने की चुनौती होगी।
बता दें, बापू भवन में जन सुराज अभियान की बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए। जिसमें पहला प्रस्ताव जन सुराज को एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर घोषित करने का रहा। जन सुराज के राजनीतिक दल के रूप में अभ्युदय के लिए सभी लोगों ने 2 अक्टूबर 2024 की तारीख मुक़र्रर की है। दूसरा प्रस्ताव के अन्तर्गत जन सुराज बिहार के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस प्रस्ताव पर भी सभी लोगों ने एकमत अपनी सहमति दर्ज कराई। वहीं, तीसरा प्रस्ताव सभी वर्गों को उनकी संख्या के हिसाब से संगठन और टिकट में भागीदारी सुनिश्चित करना था। सभी तीन प्रस्तावों को लोगों ने सर्वसम्मति से पारित किया।
घर वापसी का भरोसा दिलाकर बिहारियों से भावनात्मक कनेक्ट की कोशिश
जन सुराज के राजनीतिक पार्टी बनने को प्रशांत किशोर दावा करते हैं कि दो साल में जनता का राज बनेगा। हमारा पहला संकल्प है नाली-गली बने चाहे ना बने, स्कूल अस्पताल जब सुधरेगा तब सुधरेगा। लेकिन, साल भर के अंदर आपके घर से जितने लोग बाहर कमाने गए हैं या आपके गांव में जितने युवा बेरोजगार बैठे हैं उनको नौकरी मिले चाहे ना मिले, कम से कम 10 से 15 हजार रुपए का रोजी-रोजगार बिहार में करके दिया जाएगा।
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प्रशांत किशोर के दावे के मुताबिक़ बिहार में ही बिहारियों के लिए रोज़ी रोज़गार की व्यवस्था करना जन सुराज का पहला काम होगा। पलायन रोकने को लेकर किया गया प्रशांत किशोर का यह दावा बिहार और बिहारियों से भावनात्मक रूप से जुड़ने के पहल के तौर पर देखी जा रही है। इसके अलावा प्रशांत ने, 60 साल से अधिक उम्र की महिला और पुरुषों के लिए हर महीने 2 हजार रुपए पेंशन की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही।