द लोकतंत्र : G20 शिखर सम्मेलन का समापन हो चुका है। लेकिन G20 डिनर में विपक्षी गठबंधन के कुछ नेताओं की उपस्थिति से गठबंधन के भीतर रार शुरू हो गई है। जी20 समिट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित रात्रिभोज में विपक्ष के नेताओं का शामिल होना प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को रास नहीं आ रहा। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है।
G20 डिनर में विपक्षी नेताओं के शामिल होने पर भड़की कांग्रेस
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित डिनर समारोह में विदेशी मेहमानों के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को डिनर का न्योता भेजा गया था। इस डिनर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता भी सम्मिलित हुए थे। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को डिनर के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस पूरे समारोह से दूरी बनाकर रखी थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी समेत अन्य विपक्षी नेताओं के समारोह में शिरकत करने पर पूछा कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ इंडिया गठबंधन का रुख कमजोर नहीं होगा। साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने ये भी सवाल उठाया कि डिनर समारोह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने के पीछे क्या कोई और मंशा थी। बता दें, खाने की मेज पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठीं थीं।
हालांकि, इस पूरे मामले पर टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब दिया है। शांतनु सेन ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ आवश्यक प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें टिप्पणी नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा, चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जी20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।
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अधीर रंजन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि हर कोई जानता है कि ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ के प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं और कोई भी गठबंधन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठा सकता।