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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: भारत-चीन विवाद पर टिप्पणी को लेकर पूछे सख्त सवाल

Supreme Court reprimands Rahul Gandhi: Tough questions asked for his comments on India-China dispute

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारत-चीन सीमा विवाद पर की गई एक पुरानी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से सख्त फटकार मिली है। यह मामला 2022 में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक भाषण से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि, चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को पीट रहे हैं। इसी बयान के खिलाफ लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज हुआ था, जिसे खारिज कराने राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से पूछे तीखे सवाल

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाते हुए पूछा, आपको कैसे पता चला कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन कब्जा ली? क्या आप वहां मौजूद थे? आपके पास क्या सबूत है? जजों ने आगे कहा, अगर आप एक सच्चे भारतीय हैं, तो इस तरह का बयान नहीं दे सकते। जब सीमा पर झड़प होती है, तो दोनों ओर नुकसान होना कोई असामान्य बात नहीं है।

सेना पर टिप्पणी से मचा विवाद

16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भारत-चीन तनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को पीट रहे हैं। इस बयान को आधार बनाकर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।

शिकायतकर्ता ने कहा कि भारतीय सेना ने 12 दिसंबर 2022 को आधिकारिक बयान जारी कर बताया था कि अतिक्रमण कर रही चीनी सेना को हमारे जवानों ने मुंहतोड़ जवाब देकर पीछे हटने पर मजबूर किया। इसके बावजूद राहुल का बयान सेना का अपमान है और इससे न केवल सैनिकों की भावनाएं आहत हुईं बल्कि राष्ट्र की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची।

हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

राहुल गांधी ने इस केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो भारतीय सेना का सम्मान करता है, वह इस बयान से आहत हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमाएं होती हैं।

सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी को फटकार, लेकिन कार्यवाही पर रोक

सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि निचली अदालत ने संज्ञान लेने से पहले राहुल का पक्ष नहीं सुना। इस पर बेंच ने कहा कि यह दलील हाई कोर्ट में क्यों नहीं दी गई? सिंघवी ने स्वीकार किया कि यह तर्क हाई कोर्ट में नहीं रखा गया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि, एक सांसद होने के नाते राहुल गांधी ने यह मुद्दा संसद में क्यों नहीं उठाया? उन्होंने सोशल मीडिया या यात्रा में ही क्यों इसे उठाना उचित समझा? अंततः सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही लखनऊ की अदालत में चल रही कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर 2025 में होगी।

Team The Loktantra

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