द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश में अगले छह महीने तक अपने हक़ के लिए हड़ताल करने अथवा धरना प्रदर्शन पर बैठने की कोशिश महँगी पड़ेगी। योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने प्रदेश में ESMA लागू कर दिया है जिसके अंतर्गत ऐसी किसी भी गतिविधियों में संलिप्त होने पर पुलिस बिना वारंट आपको उठा ले जाएगी। तकनीकी तौर पर कहें तो उत्तर प्रदेश में अगले छह माह तक हड़ताल और धरना प्रदर्शन को इस एक्ट के ज़रिए बैन कर दिया गया है।
Yogi Sarkar ने यूपी में छह महीने के लिए लागू किया ESMA
लोकसभा चुनाव सर पर है ऐसे में योगी सरकार नहीं चाहती कि प्रदेश में किसी भी तरह की हड़ताल या धरने हों। एक तरफ़ जब किसान आंदोलन अपने रौ में आ रहा है उसी बीच योगी सरकार ने ESMA लागू करने का फैसला ले लिया है। यह कानून सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों पर लागू होगी। अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने एस्मा के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार ने लोकहित में फैसला लिया है।
क्या है ESMA?
एस्मा दरअसल भारतीय संसद से पारित एक अधिनियम है। इस अधिनियम को वर्ष 1968 में लागू किया गया था। केन्द्र सरकार अथवा कोई भी राज्य सरकार इस कानून को अधिकतम छह महीने के लिए लागू कर सकती है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है।
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योगी सरकार इसके पहले भी हड़ताल का दमन करने के लिए इस क़ानून का सहारा ले चुकी है। 2023 में छह महीने तक के लिए हड़ताल पर रोक वाले इस कानून लागू किया गया था। दरअसल जब बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था उस वक़्त सरकार ने एस्मा लागू करने की घोषणा की थी। ESMA की वजह से हड़ताल पर गए कर्मचारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।