द लोकतंत्र: 10 जुलाई 2025, आषाढ़ माह की पूर्णिमा, जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में भी माना जाता है। भव्य तरीके से मनाई जा रही है। इस दिन चांद की शीतलता और विष्णु-लक्ष्मी स्तुति का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात्रि किए गए उपाय से मां लक्ष्मी की कृपा धना-धान्य की वृद्धि करती है और घर-परिवार में सुख-शांति लाती है।
आषाढ़ पूर्णिमा की रात कौन-कौन से उपाय करें?
लक्ष्मी-विष्णु पूजन
सूर्यास्त के बाद शिव, विष्णु और लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। भगवान को चंदन का तिलक लगाएं, और लक्ष्मी को कमल का फूल व केसर-खीरी अर्पित करें।
कनकधारा स्तोत्र का पाठ
धन-संपत्ति में वृद्धि हेतु कनकधारा स्तोत्र का पाठ उत्तम उपाय है।
दीपदान व तोरण सजावट
नदी या तालाब किनारे घी का दीप जलाकर प्रवाहित करें। यदि सामुदायिक स्थान उपलब्ध न हो तो घर पर पीपल, ललक और रंगोली से सजावट करें।
हल्दी-कौड़ी विधि
11 कौड़ियों पर हल्दी लगाकर उन्हें पूजन स्थल या तिजोरी में रखें। इसके बाद पूजा में लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
क्यों हैं ये उपाय महत्वपूर्ण?
शुभ चंद्र रात्रि: पूर्ण चंद्रमा की ठंडी रश्मियों से वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
पैसा व समृद्धि लाना: कनकधारा स्तोत्र, दीपदान और कौड़ी उपाय धन संबंधी बाधाएं दूर करते हैं।
गुरु और पूर्वजों की स्मृति: गुरु पूर्णिमा भी पड़ने से, माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करना विशेष पुण्यदायक होता है।