द लोकतंत्र: इस साल 2025 में 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी बुधवार के दिन पड़ रही है। तीन साल बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है जब बप्पा का आगमन बुधवार को हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना गया है। इस कारण इस बार की गणेश चतुर्थी भक्तों के लिए विशेष फलदायी होगी। साथ ही इस दिन शुभ योग और शुक्ल योग का संयोग भी बन रहा है, जिससे पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। हालांकि, इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित रहेगा।
तीन साल बाद बना विशेष योग
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 2022 के बाद अब 2025 में यह अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी बुधवार को शुभ और शुक्ल योग के साथ आ रही है। इसे स्वयं सिद्ध और अबूझ मुहूर्त भी माना जा रहा है। इस दिन पूजा-पाठ के अलावा मकान, भूमि, वाहन और आभूषणों की खरीदारी भी श्रेष्ठ मानी जाएगी। अगली बार यह संयोग 2028 में बनेगा।
चौघड़िया के अनुसार शुभ मुहूर्त
27 अगस्त 2025 को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चित्रा नक्षत्र, शुभ योग और विष्टि करण का संयोग रहेगा। चौघड़िया के अनुसार, दिनभर शुभ समय इस प्रकार रहेंगे:
लाभ: सुबह 06:11 से 07:11
अमृत: सुबह 07:41 से 09:11
शुभ: सुबह 10:41 से दोपहर 12:11
चंचल: दोपहर 03:11 से 04:41
पुनः लाभ: शाम 04:41 से 06:11
इन समयों में भगवान गणेश की स्थापना और पूजा विशेष फलदायी मानी जाएगी।
गणेशोत्सव के दस दिन और बप्पा के दस स्वरूप
गणेशोत्सव गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भगवान गणेश के दस स्वरूपों की विशेष पूजा का विधान है
पहले दिन – गणाधिप
दूसरे दिन – उमा पुत्र
तीसरे दिन – अघनाशन
चौथे दिन – विनायक
पांचवें दिन – ईश पुत्र
छठे दिन – सर्वसिद्धि प्रदायक
सातवें दिन – एकदंत
आठवें दिन – इभवक्र
नौवें दिन – मूषक वाहन
दसवें दिन – कुमार गुरु
भक्त इन दस दिनों में अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करके भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।