द लोकतंत्र: सावन का महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र होता है बल्कि इसमें प्रकृति भी अपने पूर्ण सौंदर्य में नजर आती है। इस महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। यह दिन पूर्वजों की शांति के साथ-साथ शनि दोष से मुक्ति पाने का भी उत्तम अवसर माना गया है।
क्यों विशेष है हरियाली अमावस्या 2025?
इस बार हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और इस योग में किए गए उपाय अत्यधिक फलदायक माने जाते हैं। ऐसे में शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का यह एक उत्तम अवसर है।
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
शनि के लिए पौधे लगाएं
हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करना शुभ होता है। शनि दोष से राहत पाने के लिए शमी और पीपल का पौधा लगाना श्रेष्ठ माना गया है। शमी का पौधा घर में लगाएं और पीपल का पौधा मंदिर में लगाएं तथा उसकी नियमित पूजा करें।
शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करें
शनि के कष्ट से मुक्ति के लिए इस दिन तेल, लोहा, काले तिल, काला कपड़ा, चप्पल, छाता आदि का दान करना चाहिए। इससे शनि की अशुभ दृष्टि शांत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
शनि मंत्रों का जाप करें
इस दिन शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें और निम्नलिखित मंत्रों में से किसी एक का 108 बार जाप करें:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
इन मंत्रों के जाप से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे दोष शांत होते हैं।
शिवलिंग पर अर्पित करें विशेष वस्तुएं
शनि की कृपा के लिए हरियाली अमावस्या के दिन शिवलिंग पर काले तिल, काली उड़द, और सरसों का तेल अर्पित करें। शिव और शनि के संबंध विशेष होने के कारण इससे शीघ्र लाभ मिलता है।
हरियाली अमावस्या 2025 केवल प्रकृति की सुंदरता का पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक और ग्रह दोषों से मुक्ति पाने का अद्भुत दिन है। शनिदेव को प्रसन्न कर जीवन में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सकता है। इस दिन के सरल उपाय आपके जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं।