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कूटनीति में ‘Pole Star’ का महत्व: पीएम मोदी ने भारत-रूस मित्रता को क्यों बताया ध्रुव तारे जैसा स्थिर और विश्वसनीय?

The loktnatra

द लोकतंत्र : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता ने दोनों देशों के संबंधों को एक नई गति प्रदान की। इस दौरान, पीएम मोदी ने अपने बयान में भारत-रूस की अटूट मैत्री को ध्रुव तारे (Pole Star) की तरह स्थिर और भरोसेमंद बताया। प्रधानमंत्री द्वारा इस प्राचीन प्रतीक का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देशों के गहरे और स्थायी संबंधों की गहराई को दर्शाता है, जिसने ध्रुव तारे को एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

पौराणिक महत्व: अटूट निष्ठा और स्थिरता का प्रतीक

भारतीय संस्कृति में ध्रुव तारा सिर्फ एक आकाशीय पिंड नहीं है, बल्कि यह अटूट निष्ठा, दृढ़ता और स्थिरता का सर्वोच्च प्रतीक है।

  • बालक ध्रुव की कथा: हिंदू धर्म में, इसकी पौराणिक कथा राजा उतान्पाद के पुत्र बालक ध्रुव से जुड़ी है। सौतेली माँ द्वारा पिता की गोद से हटाए जाने पर, ध्रुव ने सच्चे पिता भगवान नारायण को पाने के लिए अत्यंत कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर, भगवान विष्णु ने उन्हें आकाश में एक स्थायी स्थान दिया, जो कभी न हिलने वाला ध्रुव तारा कहलाया।
  • कूटनीतिक सादृश्य: पीएम मोदी के संदेह में, यह स्थायित्व और अखंडता का प्रतीक है, जो भारत और रूस के रणनीतिक संबंधों की विश्वसनीयता को दर्शित करता है, जो दशकों से किसी भी अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दबाव या बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बावजूद अटूट रहा है।

खगोल विज्ञान में दिशासूचक का महत्व

पौराणिक महत्व के अलावा, खगोल विज्ञान में भी ध्रुव तारे (अल्फ़ा उर्साए माइनोरिस) का महत्व अद्वितीय है।

  • दिशा निर्धारण: सदियों से नाविक और यात्री इस स्थिर रोशन तारे को देखकर अपनी दिशा तय करते आए हैं, क्योंकि यह तारा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव की अक्ष के लगभग सीधा ऊपर स्थित है और इसलिए यह आकाश में लगभग स्थिर प्रतीत होता है।
  • वैज्ञानिक तथ्य: ध्रुव तारा पृथ्वी से लगभग 390 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है और आकार में सूर्य से कई गुना बड़ा है। इसका व्यास सूर्य से 30 गुना, भार में 7.50 गुना और चमक में 22 सौ गुना अधिक है।

इस प्रकार, पीएम मोदी ने ध्रुव तारे का उल्लेख करके न केवल भारत-रूस संबंधों की गहरी ऐतिहासिक जड़ों और स्थिरता को रेखांकित किया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक परिदृश्य में यह मैत्री एक विश्वसनीय ‘दिशासूचक’ के रूप में काम करती है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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