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काल भैरव जयंती Upay: 12 नवंबर को करें काले कुत्ते को भोजन और सरसों के तेल का दीप, शत्रु बाधा और Graha Dosh से मिलेगी मुक्ति

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द लोकतंत्र : आज, 12 नवंबर 2025, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव के रौद्र और रक्षक स्वरूप काल भैरव का प्राकट्य दिवस काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। शास्त्रों में उल्लेख है कि मार्गशीर्ष अष्टमी पर ही भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के अहंकार को दूर करने के लिए काल भैरव का रूप धारण किया था। यह दिवस न केवल आध्यात्मिक साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।

मान्यता है कि काल भैरव अपने भक्तों की सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, भय, रोग और शत्रु बाधाओं से रक्षा करते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, आज के दिन कुछ सरल उपाय करने से जीवन की बड़ी समस्याएं दूर होती हैं और ग्रह दोष (Graha Dosh) शांत होते हैं।

काल भैरव जयंती के विशेष 4 उपाय

काल भैरव जयंती पर किए जाने वाले निम्नलिखित उपाय भय, रोग और नकारात्मकता को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं:

काले कुत्ते को भोजन कराना:

भगवान भैरव का वाहन काले कुत्ते (Black Dog) को माना गया है। इसलिए आज काल भैरव जयंती के दिन काले कुत्ते को रोटी या भोजन अवश्य खिलाना चाहिए। यह उपाय न केवल शत्रु बाधा से मुक्ति दिलाता है, बल्कि नजर दोष को भी दूर करता है और भैरव बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सरसों के तेल का दीप जलाना:

भैरव मंदिर में या शिव मंदिर में भैरव बाबा के सामने सरसों के तेल का दीपक (Mustard Oil Lamp) जलाना चाहिए। तेल के दीपक में 2-4 लौंग डालना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस उपाय से जीवन से नकारात्मक शक्तियों (Negative Energies) का नाश होता है और सुरक्षा का घेरा बनता है।

भगवान शिव का अभिषेक:

चूँकि काल भैरव भगवान शिव का ही स्वरूप हैं, इसलिए काल भैरव जयंती पर तांबे के पात्र (Copper Vessel) से भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। यह उपाय उन कार्यों को गति प्रदान करता है जो लंबे समय से रुके (Pending) हुए हैं, और जीवन में प्रगति सुनिश्चित होती है।

सिंदूर और काला तिल अर्पित करना:

आज भैरव बाबा के प्राकट्य दिवस पर उन्हें सिंदूर और काला तिल (Black Sesame) अवश्य अर्पित करें। यह उपाय ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक है। विशेष रूप से यह माना जाता है कि सिंदूर और काला तिल चढ़ाने से शनि (Shani) और राहु (Rahu) जैसे अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक कष्टों में कमी आती है।

काल भैरव जयंती का यह पावन दिवस जीवन के रक्षक स्वरूप की उपासना का प्रतीक है। ये सरल उपाय भक्तों को उनके जीवन में व्याप्त असुरक्षा, बीमारी और बाधाओं से लड़ने के लिए आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते हैं। भैरव बाबा की पूजा व्यक्ति को निडर और आत्मविश्वासी बनाती है, जिससे वह चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है। आज के दिन ये उपाय कर भक्त सहजता से भैरव बाबा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और एक रोग-मुक्त, भय-मुक्त जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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