द लोकतंत्र: आज सोमवार, 21 जुलाई 2025 को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025) मनाई जा रही है। यह पावन व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी व्रत मुहूर्त (Kamika Ekadashi Shubh Muhurat):
एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जुलाई 2025, दोपहर 12:12 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 21 जुलाई 2025, सुबह 9:38 बजे
पारण (व्रत तोड़ने का समय): 22 जुलाई 2025, सुबह 6:06 से 7:05 बजे तक
कामिका एकादशी का महत्व (Kamika Ekadashi Significance):
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को कामिका एकादशी का महात्म्य बताते हुए कहा कि इस व्रत को करने और इसकी कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य के पापों का नाश होता है। इस दिन किया गया जप, ध्यान, पूजन और दान कई गुना पुण्य प्रदान करता है।
कामिका एकादशी आत्मशुद्धि, पुण्य प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा पाने का उत्तम माध्यम है। यह वर्ष की प्रमुख एकादशियों में से एक मानी जाती है।
कामिका एकादशी पूजन विधि (Kamika Ekadashi Puja Vidhi):
व्रती को प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
गंगाजल, तुलसी पत्र, पीले पुष्प, पंचामृत, धूप और दीप से पूजा करें।
विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तुति का पाठ करें।
दिनभर सात्विक रहें और निराहार या फलाहार व्रत रखें।
शाम को आरती करके भगवान को भोग लगाएं।
कामिका एकादशी पर न करें ये गलतियां (Mistakes to Avoid):
चावल, मांसाहार, लहसुन-प्याज और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
झूठ, क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें और अधिक से अधिक समय भगवान की भक्ति में लगाएं।
यदि व्रत नहीं कर रहे हैं तो भी सात्विक भोजन करें और किसी गरीब को अन्न या वस्त्र का दान अवश्य दें।
कामिका एकादशी का आध्यात्मिक संदेश:
यह दिन जीवन में संयम, शुद्धता और भक्ति को बढ़ावा देने का अवसर है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।