द लोकतंत्र: सावन का महीना सिर्फ भगवान शिव के पूजन के लिए ही नहीं, बल्कि स्त्रियों के लिए विशेष व्रत और उपवासों का भी प्रतीक होता है। मंगलवार को किया जाने वाला Mangla Gauri Vrat विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष फलदायी माना गया है। इस वर्ष पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई 2025 को रखा जाएगा।
इस दिन देवी पार्वती के रूप मंगला गौरी की पूजा कर स्त्रियां अखंड सौभाग्य, सुख-संपत्ति और वैवाहिक जीवन में स्थायित्व की कामना करती हैं। स्कंद पुराण और अन्य ग्रंथों में इस व्रत को विशेष पुण्यदायी माना गया है।
मंगला गौरी व्रत 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त:
तिथि: मंगलवार, 15 जुलाई 2025
प्रमुख पूजन मुहूर्त:
सुबह: 09:13 AM से 10:53 AM
दोपहर: 12:06 PM से 12:59 PM
मध्याह्न: 12:32 PM से 02:12 PM
अपराह्न: 03:52 PM से 05:31 PM
मंगला गौरी व्रत का महत्व:
यह व्रत उन स्त्रियों के लिए बेहद लाभकारी है जिनकी कुंडली में वैवाहिक दोष, मंगल दोष या पति-पत्नी के बीच अलगाव का योग हो।
व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख, संतान सुख, और घर में समृद्धि प्राप्त होती है।
यह व्रत मंगल दोष निवारण के लिए भी प्रभावशाली माना जाता है।
पूजा विधि:
मंगलवार को प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
देवी मंगला गौरी (देवी पार्वती) की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर रखें।
पूजा में 16 वस्तुएं चढ़ाएं जैसे – चूड़ियां, लड्डू, सुपारी, इलायची, फूल, सुहाग सामग्री आदि।
आटे का दीपक बनाकर उसमें घी का दीप जलाएं।
सोलह श्रृंगार, 7 अनाज, और 5 सूखे मेवे विशेष रूप से चढ़ाएं।
पूजा के बाद मंगला गौरी की व्रत कथा अवश्य सुनें।
यह व्रत 5 वर्षों तक किया जाता है और 5वें वर्ष उद्यापन करना आवश्यक होता है।
क्या करें दान में?
विवाहित महिलाओं को सुहाग की सामग्री, अन्न, वस्त्र, और जरूरतमंदों को वर्षा में उपयोगी सामान दान करना चाहिए।
इससे नकारात्मक ग्रहों का असर कम होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।