द लोकतंत्र: नवरात्रि का व्रत केवल उपवास या भोजन न करने का नियम भर नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा और भक्ति का पर्व है। भक्त मां दुर्गा की कृपा नवरात्रि करने के लिए नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और नियमों का पालन करते हैं। इस दौरान पूजा-पाठ, मंत्रजाप, दान और मां दुर्गा का ध्यान करना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
लेकिन कई बार परिस्थितियों या भूलवश नवरात्रि का व्रत टूट जाता है। ऐसे समय में लोग डर और अपराधबोध में आ जाते हैं कि कहीं यह पाप न हो गया हो। शास्त्रों के अनुसार व्रत का वास्तविक महत्व केवल नियमों से नहीं, बल्कि मां दुर्गा के प्रति सच्ची भावना और भक्ति में निहित है। इसलिए यदि अनजाने में व्रत टूट जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है।
व्रत टूट जाए तो क्या करें?
मां दुर्गा से क्षमा याचना करें
यदि भूल से व्रत टूट गया है तो मां दुर्गा से सच्चे मन से क्षमा मांगें और प्रार्थना करें।
मंत्र जाप करें
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या “ॐ दूं दुर्गायै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें। इससे व्रत भंग का दोष कम होता है।
दान करें
नवरात्रि में गरीबों, जरूरतमंदों या कन्याओं को भोजन, वस्त्र और अन्न का दान करना शुभ माना गया है।
फलाहार से व्रत जारी रखें
यदि व्रत बीच में टूट भी जाए तो शेष दिनों में फलाहार करके नियम का पालन जारी रखें।
हवन या पाठ करें
दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या अन्य देवी पाठ का आयोजन करने से व्रत टूटने का दोष समाप्त हो जाता है।
अगले दिन उपवास करें
कुछ लोग भूलवश व्रत टूटने पर अगले दिन सख्ती से उपवास रखते हैं। इसे भी शास्त्रों में उचित उपाय माना गया है।
क्या व्रत टूटने से पाप लगता है?
शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर व्रत तोड़े तो यह लापरवाही और पाप माना जाता है। लेकिन यदि अनजाने में या मजबूरीवश व्रत टूटे तो मां दुर्गा अपने भक्तों को क्षमा कर देती हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आपका मन मां के प्रति श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा रहे।
विशेष उपाय
नवरात्रि के शेष दिनों में मां दुर्गा को लाल फूल अर्पित करें।
जरूरतमंद कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दें।
दुर्गा मंदिर में नारियल या मिठाई चढ़ाकर प्रार्थना करें।
नवरात्रि का व्रत मां दुर्गा के प्रति आस्था का प्रतीक है। इसलिए सच्ची भावना और भक्ति से किया गया हर छोटा प्रयास भी मां को प्रसन्न करता है।