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Sawan Shiv Muthi Puja: सावन में शिवा मुट्ठी चढ़ाने का महत्व और विधि, जानें कौन-कौन से अनाज होते हैं जरूरी

Sawan Shiv Muthi Puja

द लोकतंंत्र: सावन का पावन महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस माह में विशेषकर सावन सोमवार का अत्यधिक धार्मिक महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालु जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और विविध पूजन विधियों से शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख विधि है, शिवा मुट्ठी चढ़ाना।

शिवा मुट्ठी क्या है?
शिवा मुट्ठी का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। इसमें ‘मुट्ठी भर’ अनाज शिवलिंग पर चढ़ाने की परंपरा है। यह साधना पंचतत्त्व और पंचभूतों का प्रतीक मानी जाती है। शिवा मुट्ठी चढ़ाने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और दोषों से मुक्ति का मार्ग खुलता है।

शिवा मुट्ठी में कौन-कौन से अनाज होते हैं?

अक्षत (चावल)

सफेद तिल

खड़ी मूंग

गेहूं या जौ

उड़द की दाल

सतुआ

इनमें से हर सोमवार एक विशेष अनाज अर्पित करने की मान्यता है।

शिवा मुट्ठी चढ़ाने की विधि:

सोमवार को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

शिवलिंग को जल से अभिषेक करें।

पूजा के अंत में एक मुट्ठी अनाज शिवलिंग पर अर्पित करें।

यह प्रक्रिया शाम के समय करना उत्तम माना गया है।

सावन के सोमवार और शिवा मुट्ठी:

इस वर्ष 2025 में सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं।

पहले सोमवार: अक्षत (चावल)

दूसरे सोमवार: सफेद तिल

तीसरे सोमवार: खड़ी मूंग

चौथे सोमवार: गेहूं या जौ

अगर किसी वर्ष पांच सोमवार पड़ें, तो पांचवें सोमवार को सतुआ चढ़ाना चाहिए। यदि कोई भक्त किसी सोमवार को शिवा मुट्ठी चढ़ाना भूल जाए, तो अगले सोमवार दोनों अनाज एकसाथ चढ़ाकर पूजा पूर्ण कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण: यह पूजन विधि न केवल धार्मिक पुण्य देती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक उन्नति और मानसिक शांति भी लाती है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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