द लोकतंत्र: 23 जुलाई 2025 को आने वाली सावन शिवरात्रि सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत विशेष मानी जा रही है। इस बार की शिवरात्रि पर ग्रहों का ऐसा संयोग बन रहा है जो 24 साल पहले 2001 में बना था। इस महासंयोग का प्रभाव कुछ राशियों पर बेहद शुभकारी होगा और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
दुर्लभ ग्रह योगों का निर्माण
इस वर्ष सावन शिवरात्रि के दिन चंद्रमा और गुरु की युति मिथुन राशि में होगी, जिससे गजकेसरी योग बनेगा। यह योग धन, समृद्धि और सम्मान देने वाला माना जाता है। साथ ही सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग और नवपंचम योग का भी निर्माण होगा। शुक्र अपनी मूलत्रिकोण राशि वृषभ में रहेंगे जिससे मालव्य राजयोग भी सक्रिय रहेगा। सबसे विशेष बात यह है कि सूर्य, गुरु और शुक्र तीनों एक ही सीध में रहेंगे, जो अत्यंत दुर्लभ ज्योतिषीय स्थिति है।
इन राशियों को होगा विशेष लाभ:
मिथुन राशि:
गजकेसरी योग के प्रभाव से मिथुन राशि वालों को आर्थिक दृष्टि से बड़ा लाभ मिलेगा। पुराने निवेश से अच्छा रिटर्न आएगा, नई नौकरी या प्रमोशन के योग हैं। आपकी बातों और विचारों की तारीफ होगी।
सिंह राशि:
लंबे समय से रुके कार्यों में सफलता मिलेगी। करियर में नई ऊंचाइयां छू सकते हैं। विदेश में शिक्षा या यात्रा की योजना सफल हो सकती है। नया वाहन खरीदने का भी योग है।
वृषभ राशि:
नौकरी में चल रही समस्याएं खत्म होंगी। ऑफिस पॉलिटिक्स से राहत मिलेगी। संपत्ति निवेश के लिए यह समय शुभ है। भगवान शिव की कृपा से पारिवारिक सुख बढ़ेगा।
कर्क राशि:
गजकेसरी, नवपंचम और मालव्य योग के कारण शिक्षा, विवाह और धन के मामलों में लाभ होगा। रुका हुआ पैसा वापस मिलेगा। शादी के अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं। घर-परिवार में आदर और प्रतिष्ठा मिलेगी।
2025 की सावन शिवरात्रि, ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद शुभ मानी जा रही है। जिन जातकों की राशि पर शुभ ग्रह योग बन रहे हैं, उन्हें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। सावन का यह पर्व केवल पूजा का ही नहीं, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और दिशा पाने का भी शुभ अवसर है।