द लोकतंत्र: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान स्त्री-पुरुष श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित करते हैं।
खास तौर पर सावन के सोमवार का धार्मिक और वैवाहिक जीवन पर विशेष प्रभाव माना गया है। इस दिन यदि पति-पत्नी साथ में व्रत और पूजा करते हैं, तो इससे न केवल उनका पारिवारिक जीवन मजबूत होता है, बल्कि रिश्तों में प्रेम और विश्वास भी बढ़ता है।
सावन सोमवार 2025 की तिथि:
सावन महीने का दूसरा सोमवार व्रत इस वर्ष 21 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। इस दिन पति-पत्नी एक साथ पूजा-पाठ कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पति-पत्नी मिलकर करें ये उपाय:
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, अगर पति-पत्नी साथ में शिवलिंग पर जल, दूध, घी, दही या शहद अर्पित करें और एक साथ आरती करें, तो इससे वैवाहिक जीवन में संतुलन और सामंजस्य बढ़ता है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में सुख-शांति बनाए रखती है।
सावन में पौधारोपण का महत्व:
सावन सोमवार के दिन या किसी भी दिन पति-पत्नी को मिलकर तुलसी, बेलपत्र या अन्य पवित्र पौधे अपने घर के आंगन, बालकनी या बगीचे में लगाने चाहिए। इन पौधों की देखभाल करना, उन्हें जल देना और रोज़ प्रणाम करना न केवल पर्यावरण के लिए शुभ होता है, बल्कि इससे रिश्तों में आ रही कड़वाहट भी दूर होती है। वास्तु के अनुसार, ये पौधे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जो परिवार के हर सदस्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
सावन सोमवार का मनोवैज्ञानिक प्रभाव:
सामूहिक पूजा और व्रत का एक मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। जब पति-पत्नी साथ में उपवास और पूजन करते हैं, तो उनके बीच संवाद, समर्पण और एक-दूसरे की भावना समझने की क्षमता बढ़ती है। यह आपसी समझ को गहरा करता है और झगड़ों में कमी लाता है।
सावन सोमवार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन की मजबूती का भी एक सुंदर अवसर प्रदान करता है। इसलिए इस दिन पति-पत्नी को एक साथ समय निकालकर शिव की आराधना करनी चाहिए, ताकि उनके जीवन में शांति, प्रेम और समृद्धि बनी रहे।