द लोकतंत्र: साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण अब अधिक दूर नहीं है और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग इसे लेकर उत्साहित हैं। इस साल कुल 4 ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। इनमें से पहला सूर्य ग्रहण पहले ही लग चुका है और अब साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण 21-22 सितंबर की मध्य रात्रि को लगेगा।
सूर्य ग्रहण क्या होता है?
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए पृथ्वी तक नहीं पहुंचता, तब इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह खगोलीय घटना हमेशा अमावस्या तिथि को घटित होती है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, पूर्ण, आंशिक और वलयाकार। इस बार जो ग्रहण लगने वाला है, वह आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा।
कब और कहां दिखेगा ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 11:00 बजे (भारतीय समय अनुसार) शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे तक रहेगा। कुल ग्रहण अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट की होगी। हालांकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों में देखा जा सकेगा।
भारत में क्यों नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण?
भारत में यह ग्रहण रात्रि के समय लगेगा और साथ ही यह आंशिक ग्रहण है, इसलिए देश के किसी भी हिस्से से इसे नहीं देखा जा सकेगा। यही कारण है कि भारत में धार्मिक या ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कोई प्रभाव नहीं माना जा रहा है।
सूर्य ग्रहण में क्या सावधानियां रखें?
भले ही यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन सामान्यतः सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
बिना सुरक्षा चश्मे के सूर्य ग्रहण न देखें।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
ग्रहण काल में भोजन और जल ग्रहण से बचें।
ग्रहण के बाद स्नान और शुद्धिकरण करना लाभकारी माना जाता है।
21-22 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, लेकिन भारत में यह दृश्य नहीं होगा। इसलिए इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव नहीं माना जाएगा।