द लोकतंत्र: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के अनेक नियम और परंपराएं हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण परंपरा है तिलक लगाने की। तिलक को न केवल देवताओं की आराधना का हिस्सा माना जाता है, बल्कि यह व्यक्ति की आस्था, ऊर्जा और सकारात्मकता का भी प्रतीक है।
शास्त्रों में बताया गया है कि सप्ताह के सातों दिनों में अलग-अलग देवताओं की पूजा के अनुरूप अलग प्रकार के तिलक का प्रयोग करना शुभ होता है। आइए जानते हैं, किस दिन कौन सा तिलक लगाने से सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है।
सोमवार का तिलक
सोमवार को भगवान शिव और चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सफेद चंदन का तिलक शुभ माना जाता है। माथे पर इसे लगाने से मन शांत और स्थिर रहता है तथा चित्त में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मंगलवार का तिलक
मंगलवार को पवनपुत्र हनुमान और मंगल देव की आराधना का दिन माना गया है। इस दिन सिंदूर या रोली का तिलक अर्पित कर माथे पर लगाने से आत्मबल बढ़ता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
बुधवार का तिलक
बुधवार को भगवान गणेश, देवी दुर्गा और बुध ग्रह की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन सिंदूर का तिलक लगाने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के दोष दूर होते हैं।
गुरुवार का तिलक
गुरुवार को देवगुरु बृहस्पति और श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा होती है। इस दिन पीले चंदन, केसर या हल्दी का तिलक शुभ फल देता है। यह तिलक समृद्धि, ज्ञान और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
शुक्रवार का तिलक
शुक्रवार को धन की देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की आराधना की जाती है। मां लक्ष्मी को लाल चंदन का तिलक अर्पित करें और शुक्र देव के लिए सफेद चंदन का प्रयोग करें। इससे आर्थिक प्रगति और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।
शनिवार का तिलक
शनिवार को शनि देव और भगवान भैरव की पूजा की जाती है। इस दिन भस्म या लाल चंदन का तिलक लगाना शुभ होता है। यह तिलक नकारात्मकता को दूर कर बाधाओं से रक्षा करता है।
रविवार का तिलक
रविवार सूर्य देव की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन लाल चंदन या हरिचंदन का तिलक लगाने से आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ती है। सूर्य को रोली व अक्षत मिलाकर जल अर्पित करने से सौभाग्य मिलता है।
इन सरल नियमों का पालन करने से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति भी बनी रहती है।